शरद पवार और नीतीश राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं


नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। ममता बनर्जी और शरद पवार ने बैठक के दौरान आगामी राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस भी बैठक में शामिल हो सकती है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं। हालांकि कुछ विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति भवन की दौड़ में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी दावेदारी को लेकर लगाई जा रही अटकलों को विराम लगाते हुए कहा कि वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं।

इस बीच सीताराम येचुरी ने कहा कि राकांपा नेता शरद पवार ने कहा है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार नहीं होंगे, अन्य नामों पर विचार किया जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार को लेकर चर्चा के लिए ममता बनर्जी द्वारा 15 जून को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में माकपा शामिल नहीं होगी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार को लेकर चर्चा के लिए बुलाई गई विपक्ष की बैठक में अपने सांसदों को भेजेंगे। यह जानकारी दोनों दलों के नेताओं ने मंगलवार को दी।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व 15 जून को होने वाली बैठक में शामिल नहीं होगा। बैठक में माकपा का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में पार्टी के नेता ई. करीम करेंगे। दोनों वाम दलों ने इस तरह की बैठक बुलाने के बनर्जी के ‘‘एकतरफा’’ फैसले पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने 15 जून को राष्ट्रीय राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक बुलाई है, जिसमें राष्ट्रपति चुनाव के लिये आम सहमति से विपक्षी उम्मीदवार को उतारने पर चर्चा की जाएगी।

बैठक में शामिल राकांपा के मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने रविवार को पवार से मुलाकात की और भारत के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए राकांपा प्रमुख को अपनी पार्टी के समर्थन की पुष्टि की। यह चुनाव 18 जुलाई को होना है।

पिछले हफ्ते, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा चुनाव के सिलसिले में मुंबई में थे, तो उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पवार के नाम की वकालत की। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने पवार की उम्मीदवारी को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से भी सलाह-मशविरा किया था।

राकांपा के मंत्री ने कहा, “लेकिन, मुझे नहीं लगता कि वह इसके (चुनाव लड़ने) लिए इच्छुक हैं। साहेब (पवार) जन नेता हैं और वह लोगों से मिलना पसंद करते हैं। वह खुद को राष्ट्रपति भवन तक सीमित नहीं रखेंगे।” उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा अहम यह है कि पवार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एक-साथ लाने की कोशिश में व्यस्त हैं।

कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव के वास्ते एक साझा उम्मीदवार के लिए अन्य विपक्षी दलों से संपर्क कर रही है। भाजपा नीत राजग राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को आसानी से जीता सकता है, क्योंकि उसके पास करीब 50 फीसदी वोट हैं। राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के साथ-साथ राज्यों के विधायक वोट डालते हैं।

सीएम कुमार ने कहा, ‘‘मैं देश का अगला राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल नहीं हूं और ना ही मैं कहीं जा रहा हूं। इस प्रकार की खबरें निराधार हैं और केवल अटकलें हैं।’’ इस पद के लिए नीतीश कुमार के योग्य उम्मीदवार होने संबंधी बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा, ‘‘मैं दोहराता हूं कि मैं देश का अगला राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल नहीं हूं।’’

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