मुम्बई/नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय की ओर से महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी खेमे के 16 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष के नोटिस का जवाब देने के लिए 12 जुलाई तक समय मिलने और न्यायालय द्वारा बागी गुट के सदस्यों और उनके परिजनों की स्वतंत्रता एवं जान-माल की रक्षा के लिए सोमवार को निर्देश दिये जाने के बाद राज्य की राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है।
न्यायालय के फैसले के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी का खेमा भी सक्रिय हो गया है और भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के निवास पर पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक हुई।
बागी गुट ने संकेत दिया है कि उसके नेता एकनाथ शिंदे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर विधानसभा में उद्धव ठाकरे सरकार के शक्ति परीक्षण की मांग कर सकते हैं। महाराष्ट्र के ताजा ‘सियासी संकट’ से संबंधित विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को शिवसेना के बागी विधायकों को 12 जुलाई तक की अंतरिम राहत दी तथा विधानसभा उपाध्यक्ष, केंद्र सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने शिवसेना के 'बागी' खेमे के श्री शिंदे और एक अन्य बागी विधायकों की ओर से भरत गोगावाले की याचिकाओं पर महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष, केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा। पीठ ने याचिकाकर्ताओं-शिवसेना के बागी विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष के समक्ष जवाब दाखिल करने के लिए अंतरिम राहत दी है। उन्हें 12 जुलाई शाम पांच बजे तक अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।
विधानसभा उपाध्यक्ष ने आज (27 जून) की शाम साढ़े पांच बजे तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया था। शीर्ष अदालत ने विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी नोटिस का जवाब दायर करने की समय सीमा बढ़ाकर 12 जुलाई कर दी। पीठ ने कहा कि वह इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगी।
श्री शिंदे ने शिवसेना विधायक दल के नेता के तौर पर अजय चौधरी की नियुक्ति और श्री गोगावाले ने महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से शिवसेना के 16 'बागी' विधायकों अयोग्य घोषित करने संबंधी नोटिस को चुनौती है।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार, शिवसेना के नवनियुक्त मुख्य सचेतक सुनील प्रभु, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने इस मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया कि जब तक अयोग्यता से संबंधित मुद्दे पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण नहीं कराया जा सकता।
न्यायालय के फैसले के बाद मुंबई में श्री फडनवीस के घर पर भाजपा के प्रमुख नेताओं के समूह की बैठक हुई जिसमें पार्टी के नेता चंद्रकात पाटिल, पंकजा मुंडे, सुधीर मुंगतीवार और कुछ अन्य नेता शामिल थे। बैठक के बाद ने संवाददाताओं से कहा कि श्री शिंदे अगर कोई प्रस्ताव लेकर आते हैं तो भाजपा उस पर विचार करेगी। इस बीच, बागी गुट के विधायक दीपक केसकर ने एक पत्र में इसे शिवसेना के स्वाभिमान की लड़ाई बताते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भाजपा के साथ नया गठबंधन करने की अपील की और कहा कि ऐसा गठबंधन ही महाराष्ट्र की जनता के फैसले के अनुरूप होगा।
उन्होंने एक समाचार चैनल के साथ कहा कि ठाकरे सरकार अल्पमत में आ गयी है और मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री केसकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनने के लिए यह सब नहीं कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की सरकार बने।
इसके विपरीत महाराष्ट्र के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने श्री ठाकरे के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि शिवसेना सत्ता में रहे या विपक्ष में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी उसके साथ है। दिन में उद्धव ठाकरे खेमे को झटका देने वाली एक और खबर आयी कि पार्टी के परभणी के विधायक राहुल पाटिल शिंदे गुट में शामिल होने के गुवाहाटी पहुंच गये हैं। इससे बगावत करने वाले विधायकों की संख्या 40 हो गयी है।
राज्य में शिवसेना में बगावत के बाद तनाव बना हुआ है और शिवसेना के गुटों में कुछ जगह टकराव के मामले सामने आये हैं। गोंदिया में कथित रूप से शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के कार्यालय में तोड़फोड़ की गयी। पुणे के हडपसर इलाके में उद्धव खेमे के शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और बागी अमरधाम श्मशान में विधायकों का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कल था कि ये ऐसे शरीर हैं जिनकी आत्मा मर चुकी है, उनका मस्तिष्क मर चुका है, 40 शव असम से आयेंगे, पोस्टमार्टम के लिए सीधे मुर्दाघर भेजे जायेंगे। उनकी इस टिप्पणी को भड़काऊ बताकर उनके विरोधी गुट ने कड़ी आलोचना की है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुम्बई में दिन में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि शिंदे खेमा मंगलवार को श्री कोश्यारी से मिलकर उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने की जानकारी दे सकता है।
श्री शिंदे ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ट्वीट कर कहा था कि बालासाहब के हिंदुत्व की जीत है। यह आनंदे दिघे की विचारधारा की जीत है और यह असली शिवसेना की जीत है।
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