शिंदे ने मुख्यमंत्री और फडणवीस ने ली उप मुख्यमंत्री पद की शपथ
मुंबई। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शाम करीब साढ़े सात बजे दक्षिण मुंबई स्थित राजभवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई। शिंदे ने इस दौरान दिवंगत शिवसेना नेताओं- बाल ठाकरे और आनंद दिघे को श्रद्धांजलि दी। उनकी शपथ पूरी होते ही उनके समर्थकों ने ठाकरे और दिघे की प्रशंसा में नारे लगाए। शिंदे के बाद भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली।
इससे पहले बृहस्पतिवार को, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि फडणवीस शिंदे के नेतृत्व में नयी महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद का हिस्सा होंगे। इससे कुछ मिनट पहले फडणवीस ने घोषणा की थी कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे। फडणवीस ने उस समय सबको चौंका दिया जब उन्होंने घोषणा की कि शिंदे राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उनकी घोषणा ने इन उम्मीदों को खारिज कर दिया कि वह शिंदे गुट के समर्थन से मुख्यमंत्री पद पर वापसी करेंगे। सरकार में शामिल नहीं होने के फडणवीस के ऐलान के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का ट्वीट आया कि महाराष्ट्र के हित में देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होंगे। उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाते हुए उप मुख्यमंत्री पद लेने की बात मान ली है।
शपथ लेने के बाद शिंदे ने कहा, 'राज्य का विकास मेरी प्राथमिकता है। मैं समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलूंगा।'
समारोह में नए मुख्यमंत्री के साथ उनके परिवार के सदस्य भी थे। हालांकि, उनके बेटे एवं ठाणे जिले के कल्याण से लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे गोवा में शिवसेना के बागी विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं। मुख्यमंत्री के एक समर्थक ने कहा, 'शिंदे ने हमेशा अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखा। हम इस फैसले से खुश हैं।’
उधर, फडणवीस ने ट्वीट किया, 'पार्टी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है।' शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर मैं एकनाथ शिंदे को बधाई देता हूं। वह जमीन से जुड़े नेता हैं, जिनके पास लंबा राजनीतिक, विधायी और प्रशासनिक अनुभव है। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में काम करेंगे।'
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर देवेंद्र फडणवीस को बधाई। वह भाजपा के हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनका अनुभव और उनकी विशेषज्ञता सरकार के लिए पूंजी होंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि वह महाराष्ट्र के विकास के आयाम को और मजबूती प्रदान करेंगे।'
दोराहे पर उद्धव की शिवसेना
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना अब राजनीतिक दोराहे पर है। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के 2012 में निधन के बाद पार्टी के समक्ष यह पहली बड़ी चुनौती है। जानकार कहते हैं कि पार्टी से बगावत करने वाले नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के तौर पर शिव सैनिक पसंद कर सकते हैं, जिससे मुख्य पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शिवसेना के 56 वर्षों के इतिहास में कई बार बगावतें हुई हैं और पार्टी के दिग्गज नेताओं छगन भुजबल (1991), नारायण राणे (2005) और राज ठाकरे (2006) ने पार्टी छोड़ी है, लेकिन इस बार एकनाथ शिंदे की बगावत ने पार्टी को हिला कर रख दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का चुनाव जीता और स्वयं को हिंदुत्व के एकलौते संरक्षक के तौर पर स्थापित किया, वहीं से शिवसेना के पतन की कहानी शुरू हो जाती है।
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