नई दिल्ली। संसद में अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल अब नहीं होगा इसके लिए नई सूची जारी की गई है। कांग्रेस के कई नेताओं ने मोदी सरकार को इस नई सूची के जारी होने के बाद घेरा है। कांग्रेस आम आदमी पार्टी और की तरफ से भी इस नई सूची को लेकर तंज कसा गया है।
इस लिस्ट में उन शब्दों के बारे में बताया गया है जिनका इस्तेमाल अब संसद के दोनों सदनों में बैन होगा। हालांकि इस नई सूची को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस की तरफ से कई नेताओं ने संसद में बैन किए शब्दों की सूची पर तंज कसा गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा कि यह नई इंडिया की नई डिक्शनरी है। उन्होंने कहा कि जिन शब्दों से सरकार के कामकाज को ठीक तरह से बताया जाता था उनको बैन कर दिया गया है । यहां उन्होंने जुमलाजीवी तानाशाह आदि का जिक्र किया।
कांग्रेस नेताओं का सरकार पर तंज
इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस दूसरे गणतंत्र में नए संविधान को बनाने की कोशिश होगी। क्या यह नए व्याकरण की रचना कर रहे हैं। हम इन शब्दों में इस्तेमाल करते रहेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे बोले कि संसद में एक किताब बनती है। जिसमें लिखा होता है कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय होते हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो शब्द अपने संसदीय जीवन में कहे और बोले हैं वही शब्द हम बोलेंगे और उनको बताएंगे कि उनकी बहस में उन्होंने क्या कहा। वे जब खुद कहते हुए आए हैं आज उनको क्यों लग रहा है कि यह शब्द ठीक नहीं है ।
जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल जैसे शब्दों का नहीं होगा इस्तेमाल
अब संसद के दोनों सदनों में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के लिए नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। इसके तहत असंसदीय शब्दों की लिस्ट तैयार हुई है। इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह बैन होगा। असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत बनाई गई इस लिस्ट मेंं ऐसे शब्दों और वाक्यों का जिक्र है जिन्हे असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है।
इनमें जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, दादागिरी जैसे शब्द शामिल हैं। 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा,राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था।
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