बच्चे को मौत के मुंह से खींच लाई बड़ेरिया मेट्रो प्राइम के डॉक्टरों की टीम



जबलपुर। पन्ना में रहने वाले 11 वर्षीय बच्चे को जहरीले बिच्छू के काटने से उसकी जान खतरे में पड़ गई। उसके परिजन आनन फानन स्थानीय अस्पताल ले गए और जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे बड़ेरिया प्राइम मेट्रो हॉस्पिटल लाया गया। 

बच्चे को जब पन्ना से मेट्रो हॉस्पिटल लाया गया था तब उसका हार्ट महज पांच से 10 प्रतिशत ही काम कर रहा था,ब्लड प्रेशर भी पूरी तरह से जीरो हो गया था,ऐसे में डॉक्टरों के सामने बड़ी चुनौती थी कि आखिरकार कैसे बच्चे की जान बचाई जाए और वह भी उस समय जबकि बच्चे के शरीर में जहर फैल रहा था। 

मेडिसिन एवं क्रिटिकल विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र सिंह राजपूत, कार्डियक सर्जन डॉ. सुधीर चौधरी, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिलीप तिवारी एवं एनेस्थीसिया डॉ. सुनील जैन ने मिलकर बच्चे को तुरंत ही सीधे हृदय और फेफड़े से कैनुला डालकर एक्मो मशीन के सपोर्ट पर लिया। बच्चे के शरीर में लगातार जहर फैल रहा था लिहाजा एक्मो मशीन के माध्यम से लगातार उसके हार्ट और किडनी के माध्यम से जीवित रखा जा रहा था। 

जहर फैलने के कारण बच्चे का हार्ट और किडनी भी प्रभावित हो रही थी ऐसे में बच्चे की हालत कहीं बिगड़ न जाए इसके लिए डॉक्टरों की टीम ने 5 से 6 घंटे तक उसका ऑपरेशन किया। डॉ. शैलेंद्र राजपूत और उनकी टीम ने आखिरकार बच्चे के शरीर में लगातार फैल रहे जहर के लिए ऑपरेशन किया। बच्चे का हार्ट और फेफड़ों को देखने के लिए डॉक्टरों की टीम ने पांच दिनों तक उसके सीने को खोलकर भी रखा था। 5 दिन के भीतर बच्चे का हार्ट 40 से 50 प्रतिशत तक काम करना शुरू कर दिया था और बच्चे की हालत भी लगातार सुधर रही थी। ऑपरेशन के पांचवे दिन डॉक्टरों की टीम ने 11 साल के बच्चे के शरीर से एक्मो मशीन को अलग कर दिया। इसके साथ ही उसे वेंटिलेटर से भी बाहर लाया गया। बच्चे के परजिन जब पूरी तरह से हार मान चुके थे, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने लगातार मेहनत कर उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लिया। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है। ग्लोबल ग्रुप के चेयरमैन सौरभ बड़ेरिया, हॉस्पिटल के डायरेक्टर राजीव बड़ेरिया ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी।

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