‘अनाज संकट' पर लाया जाए श्वेत पत्र : कांग्रेस



नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीनों कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर से लाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और सरकार से यह आग्रह भी किया कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से किए गए वादे के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तत्काल समिति गठित की जाए और देश में चल रहे ‘अनाज संकट' पर श्वेत पत्र लाया जाए। 

मुख्य विपक्षी दल ने एमएसपी के बारे में नीति आयोग के एक सदस्य के बयान को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि यह किसानों को सरकार द्वारा दिए गए ‘विश्वासघात के घाव' पर नमक रगड़ने की तरह है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘विषगुरू ने पहले देशवासियों को नज़रअंदाज़ कर टीके का निर्यात किया फिर बिना सोचे-समझे गेहूं का। नतीजा सामने है। भाजपा शासित गुजरात, उत्तर प्रदेश और कई राज्यों को जरूरत के अनुसार गेहूं नहीं मिल रहा। आटा, दही एवं अन्य चीजों पर जीएसटी के बाद गेहूं की कमी से परेशानी और बढ़ेगी।' 

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि किसान विरोधी मोदी सरकार पिछले दरवाजे से कृषि कानून दोबारा लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा की उचित मांगों को लागू करने से इनकार किए जाने के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शुरू करने के उनके फैसले का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समर्थन करती है। 

एसकेएम की इन मांगों में एमएसपी पर समिति गठित करने, किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे निरस्त करने और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार द्वारा किसानों से किए गए लिखित वादे शामिल हैं।'

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