जबलपुर : यात्रा अब तो लगती खेल, ऐसी है भारत की रेल

आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन सप्ताह आयोजित 


जबलपुर।
नगर नगर को देश से जोड़ा,  करोना में जिसने मुंह न मोड़ा, यह भारत की रेल है, यात्रा अब तो लगता खेल है, यह भारत की रेल है, रेलवे के संबंध में इस तरह की पंक्तियों के साथ ही देश की आजादी में भारत के रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ियों के योगदान को याद करते हुए देशभक्ति पूर्ण ओजस्वी कविताओं को सुनने का अवसर रेलवे स्टेशन पर रेलवे  यात्रियों  को मिला।

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों के अंतर्गत आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन सप्ताह में विभिन्न कार्यक्रमों की श्रंखला के तीसरे दिन पश्चिम मध्य रेल के अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी के मार्गदर्शन और प्रमुख विभागाध्यक्षों तथा मंडल रेल प्रबंधक, जबलपुर संजय विश्वास, अपर मण्डल रेल प्रबन्धक अमितोज वल्लभ, वरिष्ठ अधिकारीगण, रेलकर्मियों एवं बड़ी संख्या में आमजनता की उपस्थिति में एक शाम रेल के साथ देश भक्ति के नाम कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। 

शाल और श्रीफल से कवियों का सम्मान 
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। मंडल रेल प्रबंधक, जबलपुर संजय विश्वास ने शाल और श्रीफल भेंट कर आमंत्रित कवियों को सम्मानित किया। इस भव्य कार्यक्रम में कवियों ने ओजपूर्ण वाणी से रेल परिसर में देशप्रेम की अलख जगाई तथा देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दीं। 

तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा रेल परिसर 
इस सम्मेलन में 12 कवियों ने जबलपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म क्रमांक 1 के कॉनकोर्स में भव्य एवं गरिमामय समारोह में कविताओं का पाठ किया। कविता-पाठ के दौरान जबलपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक संजय विश्वास, अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक अमितोज बल्लभ और अन्य अधिकारियों, जबलपुर स्टेशन के स्टेशन निदेशक एवं अन्य कर्मचारीगण तथा वहां उपस्थित रेल यात्रीगण एवं आम जनता ने तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साहवर्धन किया।

स्वतंत्रता संग्राम के गौरव को संजोना हमारी जिम्मेदारी
सम्मेलन के आरंभ में मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि जन-भागीदारी एवं जन आंदोलन की भावना से कार्य करते हुए अतीत के स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और गौरव को संजोने की हम सभी की जिम्मेदारी है। अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक अमितोज बल्लभ ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में तूफान से कश्ती हमारे पूर्वजों ने निकाली है, अब इसे संभाल कर रखना हमारा कर्तव्य है। 

कवि सम्मेलन में कवियों ने अपने ओजपूर्ण एवं सुरीले अंदाज में आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों एवं आजादी की लड़ाई से अब तक भारतीय रेल से जुड़ी घटनाओं से लेकर जनभागीदारी और जन आंदोलन एवं आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों पर कविताओं का पाठ किया। 

कवियों ने अपनी कविताओं से जनसमूह को मंत्रमुग्ध किया
सम्मेलन में कविगण के रूप में बसंत शर्मा, जबलपुर, आशीष सोनी, नरसिंहपुर, प्रेमनारायण साहू बरेली,  अभिनेष ‘अटल‘, जबलपुर, गुलाबचंद पटेल, जबलपुर,  जितेन्द्र पटवा ‘‘नीरस‘‘, कटनी, किशोर कुमार साहू, जबलपुर, सुशील श्रीवास्तव, जबलपुर, डॉ. रानू रूही, जबलपुर, सिद्धार्थ पाण्डेय, जबलपुर, मयंक अग्निहोत्री, सिहोरा, चन्द्र किशोर श्रीवास्तव ‘‘चन्दन‘‘ कटनी, जयनारायण सोनी ‘‘अम्बर ‘‘ कटनी (रेलवे से सेवा निवृत्त), और प्रमोद भट्ट (नीलांचल), कटनी ने अपनी कविताओं की प्रस्तुति से जनसमूह को मंत्रमुग्ध किया।       

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