तीनों कृषि कानून पिछले दरवाजे से फिर लाने की तैयारी में मोदी सरकार: कांग्रेस


नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर लाने की तैयारी में है। पार्टी ने सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए वादे के मुताबिक अब तक सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारण के लिए कमेटी का गठन नहीं किया है। कांग्रेस ने एमएसपी पर तत्काल कमेटी बनाने और अनाज संकट पर श्वेत पत्र लाने की मांग सरकार से की है।

कांग्रेस ने एमएसपी को लेकर नीति आयोग के एक सदस्य के बयान का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि यह किसानों के घाव पर नमक रगड़ने की तरह है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने वीरवार को ट्विट किया, ‘विषगुरू ने पहले देशवासियों को नजरअंदाज कर टीके का निर्यात किया फिर बिना सोचे-समझे गेहूं का। नतीजा सामने है। भाजपा शासित गुजरात, उत्तर प्रदेश और कई राज्यों को जरूरत के अनुसार गेहूं नहीं मिल रहा। आटा, दही एवं अन्य चीजों पर जीएसटी के बाद गेहूं की कमी से परेशानी और बढ़ेगी।’

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मोदी सरकार पिछले दरवाजे से कृषि कानूनों को दोबारा लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से फिर शुरू किए जा रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के फैसले का कांग्रेस समर्थन करती है। एसकेएम की इन मांगों में एमएसपी पर समिति गठित करने, किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे निरस्त करने और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए सरकार द्वारा किसानों से किए गए लिखित वादे शामिल हैं। एसकेएम ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार के विश्वासघात के विरोध में, 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई- शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस तक, देशभर में जिला स्तर पर विश्वासघात के खिलाफ विरोध जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा।

हुड्डा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की तर्कहीन कृषि व्यापार नीति भी भारतीय खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। इससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ को भी सरकार की अस्थिर आयात और निर्यात घोषणाओं की आलोचना करने को बाध्य होना पड़ा है, जो केवल किसानों के हितों को चोट पहुंचाती हैं और आयात पर देश की निर्भरता को नकारात्मक रूप से बढ़ाती हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने भाजपा शासित गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्यों के लिए गेहूं के आवंटन में कटौती कर दी है। ये राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत महिमामंडन की कीमत चुका रहे हैं।

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