लखनऊ। सामान्य रूप से मितभाषी कायस्थ समुदाय अब राजनीति में अपने हिस्से की मांग कर रहा है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने समुदाय के सदस्यों से आगामी शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। शनिवार को महासभा की 83वीं वार्षिक राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री अरुण कुमार, पूर्व मंत्री और प्रयागराज से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह ने भाग लिया।
प्रदेश अध्यक्ष हृदय नारायण श्रीवास्तव ने कहा, "समुदाय के सदस्यों को आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास चल रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ दशकों में राजनीति में समुदाय का प्रतिनिधित्व कम हो रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ एक कायस्थ मंत्री था, जिसे भी हटा दिया गया था, जबकि राज्य में पांच कायस्थ विधायक चुने जाने पर भी समुदाय से केवल एक राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है।
योगी कैबिनेट में समुदाय के एकमात्र प्रतिनिधि अरुण कुमार ने कहा कि कायस्थों को उनके वोट की शक्ति के बारे में याद दिलाने की जरूरत है क्योंकि लोकतंत्र में केवल वोट की शक्ति मायने रखती है।
पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "एक समय था जब समुदाय के 54 सदस्य विधायक के रूप में चुने जाते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ पांच रह गई है।"
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