ठाणे। महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक लोक अदालत ने 8 साल पहले सड़क दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाले भाई-बहन को 64 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। भाई तब 14 और बहन 18 साल की थी। लोक अदालत में जिला न्यायाधीश के समक्ष दावेदारों और बीमा कंपनी ने पिछले शनिवार को समझौता किया।
मयूरी दिलीप देशमुख और उसके भाई विवेक ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के समक्ष अपनी याचिका में कहा था कि उनके माता-पिता सहित परिवार के सदस्य आठ मई, 2014 को एक कार से जा रहे थे, तभी जिले के मोखदा के पवार पाड़ा में एक अन्य वाहन ने कार को टक्कर मार दी थी।
याचिका में कहा गया था, ‘दूसरा वाहन विपरीत दिशा से आ रहा था। टक्कर के कारण एक निजी कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी दिलीप देशमुख (43) और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हादसे में मयूरी भी घायल हुई थी, जो बाद में ठीक हो गई।'
दावेदारों ने 80,00,000 रुपये के मुआवजे की मांग की थी। दावा याचिका के लंबित रहने के दौरान, उनके दादा-दादी 62 वर्षीय यादवराव बलवंत देशमुख और 60 वर्षीय मथुराबाई यादवराव देशमुख की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई थी।
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