मध्य प्रदेशः कारम नदी पर बन रहे डैम के टूटने का खतरा टला, ग्रामीण कर रहे गांव वापसी



धनमोद। मध्य प्रदेश के धार में कारम नदी पर बन रहे डैम के फूटने का खतरा अब टल गया है। जिसके चलते आश्रय शिविरों में ठहरे ग्रामीण अब अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। रविवार को एक चैनल के माध्यम से पानी छोड़े जाने के बाद से बांध के टूटने का खतरा टल गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सूचना के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी कि उनकी वजह से एक बड़ी आपदा टल गई। 

  • नहर खोदने वाली मशीन चालकों को दिया जाएगा इनाम 
सीएम ने एलान किया है कि बांध जलाशय से पानी छोड़ने के लिए नहर खोदने वाली मशीन चालकों में से प्रत्येक को दो लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा अब सभी 18 गांवों का संकट समाप्त हो गया है। बांध में रिसाव से उत्पन्न स्थिति से सफलतापूर्वक निपटना आपदा प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

बांध को टूटने से बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और सेना के कर्मियों के अलावा इंजीनियरिंग और जल विज्ञान विशेषज्ञों को तैनात किया गया। इन सभी ने मिल कर 15 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी के दबाव में बांध को टूटने से बचाया।

  • आस पास के गांव कराए गए थे खाली
गुरुवार को मध्यप्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर बने बांध में रिसाव होने के कारण हड़कंप मच गया था। बांध में रिसाव की खबरे पर आनन फानन में पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने खतरे को देखते हुए आस पास के गांवों को खाली कराने का निर्णय लिया था। यह बांध ग्राम भरुड़पुरा और कोठिदा के बीच कारम नदी पर 305 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। इस बांध का निर्माण पिछले चार साल से हो रहा था। बांध के बन जाने के बाद करीब 52 गांवों में सिचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।

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