पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विकास कार्यों के बजाए केवल ‘‘प्रचार-प्रसार'' में लगे रहने का आरोप लगाया और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी मांग के प्रति संवेदनशीलता की कमी को लेकर नाखुशी जताई। यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुमार ने यह बात कही और इस दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भी मंच पर मौजूद रहे।
समारोह के दौरान राव की ओर मुखातिब होते हुए कुमार ने कहा, ‘‘आपने इतने बड़े-बड़े काम किये हैं, पर कैसे कोई आपकी आलोचना कर सकता है, यह मेरी समझ से परे है।'
कुमार के भाषण से पहले राव ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध में शहीद हुए बिहार के पांच सैनिकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा हैदराबाद में आग की घटना में मारे गए बिहार के 12 प्रवासी मजदूरों के परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक प्रदान किए। कुमार ने राव द्वारा शहीद सैनिकों के परिजनों को अनुग्रह राशि दिए जाने को अनुकरणीय करार दिया।
गौरतलब है कि कुमार ने हाल में भाजपा का साथ छोड़कर सात दलों के महागठबंधन में शामिल होकर बिहार में एक नई सरकार बनाई है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बिहार आगमन को विपक्षी एकता की दिशा में बढ़ाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अपने संक्षिप्त भाषण के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बिहार को क्रांति की भूमि करार देते हुए कहा कि उनका गृह राज्य गोदावरी नदी की भूमि है, जिसे दक्षिण की गंगा कहा जाता है।
कुमार ने आंधप्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनाए जाने के लिए किए गए राव के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘तेलंगाना के गठन के लिए आप (राव) तो 2001 से ही संघर्ष कर रहे थे। आज लोग कुछ भी बातें करते हैं लेकिन आपने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलवाया है, ऐसे में वहां के लोग आपका साथ कैसे छोड़ेंगे।'
कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की उनकी मांग को स्वीकार नहीं करने पर नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘जिनको कोई काम नहीं करना है, केवल प्रचार-प्रसार करना है, वैसे ही लोग इस तरह की बात करते हैं। कौन से काम किए गए हैं। कोई काम हो रहा है? अब राज्यों को केंद्र से मिलने वाली राशि घट रही है। पहले जितना मिलता था, उससे भी कम मिल रहा है। हम तो साथ गए थे पर अब फिर लौट आए हैं।''
- नहीं मिला विशेष राज्य का राज्य का दर्जा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के एक पिछड़ा राज्य होने के बावजूद इसे विशेष राज्य का राज्य का दर्जा अब तक नहीं दिया गया। उन्होंने दावा किया कि विशेष राज्य का दर्जा मिला होता, तो बिहार के आगे बढ़ने के साथ यह राज्य देश के विकास में अहम योगदान दे सकता था। इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी मौजूद थे।
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