जबलपुर के रक्षा संस्थान बनाएं ड्रोन तो मिल सकता लाखों को रोजगार

 
जबलपुर। जबलपुर के रक्षा संस्थानों को ड्रोन निर्माण पर काम करना चाहिए। जबलपुर चेंबर ने मांग की है कि डिफेंस फैक्ट्रियों को इसका निर्माण करना चाहिए। जबलपुर में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो इस नए आइडिया को लेकर काम करना चाहते हैं। ड्रोन से जुड़े कई स्टार्टअप लांच हो चुके हैं।
 
विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले समय में ड्रोन पायलट, सिस्टम इंजीनियर, ड्रोन के डिज़ाइन और निर्माण का काम करने वालों, सेंसर ऑपरेटर, तकनीशियनों, फ़ोटोग्राफ़रों आदि की मांग बढ़ेगी।  ड्रोन के इस्तेमाल से रोज़गार के नए अवसर पैदा हुए हैं। यदि हम इनकी पूरी क्षमता का दोहन कर सकें तो ड्रोन हज़ारों नए रोज़गार देने में सक्षम है।  आज ऐसे ड्रोन भी मौजूद हैं, जो स्मार्टफोन से भी चलाए जा सकते हैं, लेकिन पेशेवर क्वालिटी के ड्रोन की कीमत कम-से-कम 1000 डॉलर होती है। उच्च गुणवत्ता के ड्रोन की कीमत लाखों में हो सकती है।

  • दुनियाभर में ड्रोन का बाज़ार चार अरब यूरो का हो जाएगा
अमेरिका में व्यावसायिक ड्रोन उद्योग के 2025 तक वहाँ की अर्थव्यवस्था में 82 अरब डॉलर का योगदान करने और लगभग एक लाख रोज़गार उत्पन्न करने का अनुमान लगाया गया है। एक अनुमान के अनुसार दुनियाभर में ड्रोन का बाज़ार 2022 तक लगभग चार अरब यूरो वार्षिक  हो जाएगा।  विश्व बाज़ार के 25% फ़ीसदी ड्रोन यूरोप में होंगे और इनके इस्तेमाल से 2050 तक डेढ़ लाख रोज़गार मिलेंगे। 

चीन की डीजेटी टेक्नोलॉजी दुनिया की सबसे बड़ी उपभोक्ता ड्रोन निर्माता है। इसके फैंटम और इंस्पायर ब्रांड प्रसिद्ध हैं और भारत में दमकल तथा वन विभागों द्वारा इनका प्रयोग किया जाता है।
  • ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण
मानवरहित प्रणालियाँ बहुत अलग नहीं होतीं, लेकिन नियंत्रण कक्ष में तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की ज़रूरत फिर भी पड़ती है। जिनके पास ड्रोन पायलट या सिस्टम इंजीनियर जैसा विशेष प्रशिक्षण है, उनके लिये आने वाले 40-50 वर्षों में रोज़गार की गारंटी है। आज अमेरिका में ड्रोन पायलट 80 हज़ार से एक लाख डॉलर वार्षिक तक कमा रहे हैं। अमेरिका में स्कूल-कॉलेजों ने मानवरहित प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपने पाठ्यक्रम में जोड़ा है। इसे कॉलेजों में मानवरहित प्रणालियों या उड़ान प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में शामिल किया जा गया है। भारत में फिलहाल 40 हज़ार ड्रोन हैं, जिन्हें प्रशिक्षित ड्रोन पायलट संचालित करते हैं। इन ड्रोन पायलटों को प्रतिमाह 30 से 40 हज़ार रुपए वेतन मिलता है।

भारत में ड्रोन पायलट की आयु 18 साल से कम नहीं होनी चाहिये और उनका प्रशिक्षण प्राइवेट पायलट लाइसेंसधारकों की तरह होना चाहिये। उन्हें ड्रोन संचालन में दक्षता प्राप्त होनी चाहिये।
  • अगले एक साल में कई गुना बढ़ेगी मांग
भविष्य में मांग के मद्देनजर ड्रोन मैन्यूफैक्चरर्स और रिपेयर सप्लायर्स ने प्रॉडक्ट ऑफरिंग और हायरिंग को बढ़ाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

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