एनडीपीएस अधिनियम के तहत भांग निषिद्ध नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट



बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत ‘भांग' को निषिद्ध मादक पदार्थ या पेय पदार्थ घोषित नहीं किया गया है। इसके साथ ही, अदालत ने उस व्यक्ति को जमानत दे दी जिसे भांग रखने के आरोप में शहर से गिरफ्तार किया गया था। 

बेगुर पुलिस ने एक जून को बिहार के रहने वाले रोशन कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया था और उसके पास से ‘ब्रांडेड' भांग और 400 ग्राम गांजा बरामद किया था। मिश्रा की जमानत याचिका एक निचली अदालत ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और हाल ही में जस्टिस के. नटराजन ने उसे जमानत दे दी। 

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘इस अदालत के समक्ष ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि भांग या तो चरस या गांजा अथवा गांजा के पत्तों से तैयार की जाती है।' 

अदालत ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत, गांजा के पत्तों और बीज को भी गांजा की परिभाषा से बाहर रखा गया है और ‘‘एनडीपीएस अधिनियम में कहीं भी भांग को निषिद्ध पेय या निषिद्ध पदार्थ के रूप में संदर्भित नहीं किया गया है।' 

मिश्रा के वकील ने दलील दी कि ‘भांग एक पेय है जो आमतौर पर उत्तर भारत में लस्सी की दुकानों में बेचा जाता है। यह एक निषेधात्मक पदार्थ नहीं है। उक्त पेय का उपयोग शिवरात्रि त्योहार के दौरान किया जाता है और यह प्रतिबंधित पेय नहीं है और न ही एनडीपीएस अधिनियम के तहत आता है।' 

हालांकि, सरकारी वकील ने दलील दी कि भांग, गांजा के पत्तों से तैयार किया जाता है और इसलिए यह गांजा की परिभाषा के अंतर्गत आता है।

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