चार दिन पहले 'जिंदा' हुए 102 साल के ताऊ दुलीचंद ने लगाया 'मुर्दों' का दरबार

पेंशन कटने वाले लाभार्थियों सुनी शिकायत


रोहतक। सरकार की ओर से पेंशन काटे जाने पर खुद के जीवित होने का प्रमाण देने के लिए रथ पर बैठकर बारात निकालने वाले गांधरा के 102 वर्षीय बुजर्ग दुलीचंद ने मंगलवार को यहां 'मुर्दों' का दरबार लगाया। मतलब जिन लोगों को कागजों में मृत दिखा कर पेंशन काट दी गई है, ऐसे लोग यहां सुनवाई की गई। सेक्टर छह स्थित बाग में लगाए गए इस दरबार में कई लोग पहुंचे जिनकी पेंशन काट दी गई थी। यहां पेंशन काटे जाने से आहत बुजुर्ग, विकलांग, विधवा व मृत घोषित किए लाभार्थियों ने अपनी बात रखी। बारात की तरह इस दरबार में भी नवीन जयहिंद की भूमिका अहम रही और उन्होंने कहा कि बुजुर्ग की पेंशन मामला उजागर होने के बाद ऐसे और मामले भी सामने आएं हैं। सरकार ने जिन्हें मृत घोषित कर पेंशन काट दी थी। इसी कड़ी में फोन नंबर 7027811811 जारी किया गया है। किसी के साथ इस तरह की नाइंसाफी हो रही है तो वह इस पर संपर्क कर सकता है। इस नंबर पर काफी शिकायतें आई हैं। इसके चलते 'मुर्दों' का दरबार लगाया जा रहा है।

रोहतक में 102 वर्षीय बुजुर्ग दुलीचंद को मृत घोषित करके सरकार ने उनकी बुढ़ापा पेंशन काट दी थी। इसके बाद खुद को जिंदा साबित करने के लिए उन्होंने रथ में बैठकर बारात निकाली, जो देश मे चर्चा का विषय रही। इसके बाद सरकार ने आनन फानन में उनकी पेंशन दोबारा बनाने के आदेश दिए। नवीन जयहिन्द ने बताया कि प्रदेश में लगभग 15000 केस ऐसे हैं, जिनके साथ ऐसी नाइंसाफी की गई है। इसमें बुजुर्ग, दिव्यांग व विधवा महिलाएं शामिल हैं।

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