सोनिया गांधी से मिले सीएम नीतीश और लालू यादव, राजद प्रमुख ने कहा- 2024 में भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ आना होगा



नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। लालू ने मुलाकात के बाद कहा कि 2024 में बीजेपी को हराकर देश को बचाना है। यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ लाना होगा।

राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा कि हम दोनों साथ में मिले हैं... भाजपा को हटाना है और देश को बचाना है इसके लिए सबको साथ में इकट्ठा होना है। सोनिया गांधी ने कहा है कि उनके अध्यक्ष के चुनाव के बाद वे हम सब से मिलकर एक साथ बात करेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में सभी दल एकमत हैं। 

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में बिहार सीएम नीतीश कुमार व प्रमुख लालू यादव ने कहा कि हमने सोनिया जी से बात की है। हमारा विचार है देश में अनेक दलों को एकजुट करना और मिलकर प्रगति के लिए काम करना। उनके पार्टी अध्यक्ष का चुनाव है इसके बाद आगे की बात होगी।

लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात को 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। गांधी के 10 जनपथ आवास पर बैठक को विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

क्योंकि कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच मतभेदों को सुलझाने के प्रयास जारी हैं जिनका पारंपरिक रूप से टकराव रहा है। अगस्त में बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा से नाता तोड़ने और राजद और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद से कुमार की सोनिया गांधी से यह पहली मुलाकात है।

इससे पहले, कुमार ने कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी दलों को भाजपा से मुकाबला करने के लिए एकजुट करने का आह्वान किया और कहा कि यह ‘‘विपक्ष का मुख्य मोर्चा’’ सुनिश्चित करेगा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह हार जाए।

कुमार ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की ओर से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हों तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है।

इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, जिनका कांग्रेस के साथ टकराव का लंबा इतिहास रहा है, दोनों नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य नेता वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच पर थे।

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