नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में कई राज्यों में करीब 40 स्थानों पर छापेमारी की। दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा कुछ अन्य अधिकारी आरोपी हैं। इस नीति को हालांकि वापस ले लिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में करीब 38-40 स्थानों की तलाशी ली गयी। मामले में नामजद लोगों के खिलाफ भी छापेमारी की गई है। उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी स्थान सिसोदिया (50) या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी से संबद्ध नहीं है।
संघीय एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामले में जांच शुरू की। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सिसोदिया और 14 अन्य को नामजद किया है। सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया, आईएएस अधिकारी एवं दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त ए गोपी कृष्णा के आवास सहित सात राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी।
दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर एलजी की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। आरोप है कि राजकोष को नुकसान पहुंचाकर निविदाएं जारी की गईं और इसके बाद शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाया गया।
मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं : सिसोदिया
ईडी की छापेमारी के कुछ घंटे बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उन्होंने अपना काम ‘ईमानदारी से' किया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने विद्यालयों का निर्माण किया है और यदि (ईडी आती है) तो उसे कुछ और विद्यालयों के मानचित्र मिलेंगे।'
गौर हो कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल नीत सरकार में सिसोदिया के पास आबकारी एवं शिक्षा समेत कई विभागों की जिम्मेदारी है।
प्रवर्तन निदेशालय से भी मिली क्लीन चिट : आप
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘यह आम आदमी पार्टी के लिए खुशी की बात है कि ईडी ने भी आज सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी।'
उन्होंने कहा, ‘ईडी ने अनेक जगहों पर छापे मारे, लेकिन मनीष सिसोदिया के घर नहीं आई जबकि वह आरोपी संख्या-1 हैं। अधिकारियों को लगा कि उनके घर जाना अपमानजनक होगा।'
भारद्वाज ने आरोप लगाया, ‘अगर यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की लड़ाई है जैसा कि वह कहते हैं तो ईडी आज गुजरात में शराब माफिया के खिलाफ छापे मार रही होती। यह भ्रष्टाचार नहीं बल्कि केजरीवाल के विरुद्ध लड़ाई है।'
إرسال تعليق