जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया है कि उनके पास कांग्रेस के कुल 92 विधायकों का समर्थन है और सभी विधायक बहुत गुस्से में हैं कि सीएम गहलोत उनसे सलाह लिये बगैर सीएम पद कैसे छोड़ सकते हैं। खबरों के मुताबिक नाराज विधायक अशोक गहलोत के सीएम पद छोड़ने के खिलाफ बताये जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले राजस्थान कांग्रेस विधायक इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर भी गए हैं। कहा जा रहा है कि राजस्थान में चल रही सियासी उठा-पटक के पीछे और कहीं न कहीं कथिततौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी मौन समर्थन है।
कांग्रेस में नाराज विधायकों की अगुवाई कर रहे प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश सरकार नहीं गिरी है। अशोक गहलोत हमारे परिवार के मुखिया है, वो हमारी बात सुनेंगे तो सारी नाराजगी दूर हो जाएगी। लोकतंत्र संख्या बल से चलता है। राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा।
वहीं दूसरी ओर यह भी खबर आ रही है कि कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन, सीएम अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं। उन नेताओं के साथ सचिन पायलट भी वहां मौजूद हैं।
जानकारी के मुताबिक मौजूद संकट के विषय में दिल्ली आलाकमान में भी हलचल मची हुई है और पार्टी अब नाराज विधायकों को मनाने और होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने में लग गई है। लेकिन साथ में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस में होने वाले अध्यक्ष पद का चुनाव अब उतना आसान नहीं रह जाएगा, जितना की पहले माना जा रहा था।
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट खेमा भी स्पष्ट तौरे से उनकी ताजपोशी में लामबंद है और गहलोत के बाद उन्हें किसी भी कीमत पर सीएम बनाने की जुगत में लगा हुआ है। लेकिन पूरे घटनाक्रम को देखते हुए एक बात तो तय है कि अशोक गहलोत अगर सीएम पद से इस्तीफा देते भी हैं तो सचिन पायलट के लिए सीएम की गद्दी उतनी आरामदेह नहीं रहने वाली है।
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