राजनीति : जदयू ने पूरे बिहार में निकाला जलूस, लोगों से भाजपा की सांप्रदायिकता की कथित राजनीति से सावधान रहने का आग्रह



पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने मंगलवार को जुलूस निकाला और लोगों से भाजपा की सांप्रदायिकता की कथित राजनीति से सावधान रहने का आग्रह किया। बिहार की राजधानी पटना में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और पार्टी संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के इस सतर्कता एवं जागरूकता मार्च में भाग लिया। 

कुशवाहा ने इस अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि हमारे इस मार्च का उद्देश्य लोगों को भाजपा की साजिश के प्रति आगाह करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सांप्रदायिक विभाजन के लिए एक योजना तैयार की है ताकि आबादी का एक बड़ा वर्ग इसके पक्ष में हो जाए और कुछ भी कल्याणकारी कार्य किए बिना उसे सत्ता में बनाए रखने में मदद करे। 

मार्च की शुरुआत पटना उच्च न्यायालय परिसर के पास स्थापित बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई, जहां से जदयू के हजारों कार्यकर्ता लगभग दो किलोमीटर दूर ऐतिहासिक गांधी मैदान तक गए। जदयू के कार्यकर्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है और वह पूरे विपक्ष की धुरी हैं।

उल्लेखनीय है कि इस आशंका के बीच कि भगवा पार्टी जदयू को विभाजित करने की कोशिश कर रही है, कुमार ने करीब दो महीने पूर्व भाजपा के साथ गठबंधन तोड लिया था। वहीं भाजपा कुमार पर अपनी महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव के जनादेश के साथ ‘‘विश्वासघात'' करने का आरोप लगा रही है। खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताने वाले कुमार का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हरा सकते हैं, भाजपा से नाता तोडने के बाद से वह विपक्षी एकता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ दो दिन पहले उनकी बैठक पर राज्य के भाजपा नेताओं ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि कुमार और उनके साथ गए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को मात्र 20 मिनट में निपटा कर कमरे से बाहर कर दिया, न इनके साथ फोटो खिंचवाई और न ही उन्हें दरवाजे तक आकर विदा करने के लायक समझा। 

भाजपा नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुशवाहा ने कहा कि भाजपा दूसरों को तस्वीरें जारी करने का आदेश नहीं दे सकती। नीतीश कुमार का सामना करने और सत्ता खोने के बारे में सोचकर हताशा में वे इस तरह की बातें कर रहे हैं। पटना स्थित जदयू राज्य मुख्यालय के अनुसार बिहार के सभी 38 जिलों में इसी तरह के मार्च निकाले गए।

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