लातूर। महाराष्ट्र के लातूर में 85-वर्षीय एक किसान की कथित आत्महत्या का मामला सामने आया है। बताया गया है कि बिजली परियोजना के लिए अपनी जमीन के अधिग्रहण के बाद पर्याप्त मुआवजा व अन्य प्रकार की राहत नहीं मिलने को लेकर किसान तनाव में था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि औसा तहसील के शिंदला गांव में रावसाहेब शिवराम घोडके ने शुक्रवार की सुबह कथित तौर पर एक पेड़ से फंदा लगा कर जीवन लीला समाप्त कर ली।
किसान के परिजनों का कहना है कि उनकी पांच हेक्टेयर जमीन एक दशक पहले दो सरकारी कंपनियों द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना के लिए अधिग्रहीत की गई थी।
परिजनों ने बताया कि किसान घोडके जमीन के एवज में मुआवजे की राशि और अन्य राहत उपायों को लेकर नाखुश थे।
अधिकारी ने बताया कि कईं किसान खाली जगह पर पवन ऊर्जा परियोजना का विरोध कर रहे थे, जिसे बाद में समाप्त कर सौर सुविधा में बदल दिया गया।
भाड़ा थाने के एक अधिकारी ने इन आरोपों के संबंध में किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, 'किसान ने यह कदम क्यों उठाया, इसका असल कारण का फिलहाल पता नहीं है। इसलिए मामले की जांच की जा रही है। हमने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है।'
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