निशाना : उनका ट्विन टॉवर, हमारा ट्विन टॉवर
एक अमेरिका का ट्विन टॉवर था, एक हमारा ट्विन टॉवर था। वह कई साल पहले गिरा था, यह अब गिरा है। उसे आतंकियों ने गिराया था, हमने अपना खुद गिरा लिया। उसके गिरने से कई लोग शहीद हुए थे, पर यहां तो ट्विन टॉवर भी शहीद नहीं हुआ, बस ध्वस्त ही हुआ। उसके गिरने पर लोगों ने रुदन किया, आंसू बहाए। इसके गिरने पर लोगों ने खुशियां मनायी, तालियां बजायी। वह गिरा था तो अन्याय हुआ था। यह गिरा तो न्याय हुआ। वह ट्विन टॉवर अमेरिका की प्रगति और शक्ति का प्रतीक था। इसीलिए आतंकियों ने उसे निशाना बनाया। यह ट्विन टॉवर भ्रष्टाचार और अहंकार का प्रतीक था, इसीलिए हमारी न्यायपालिका ने इसे अपना निशाना बनाया। वह ट्विन टॉवर आतंकियों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए गिराया। यह ट्विन टॉवर न्याय की ताकत दिखाने के लिए गिराया गया। उसे गिराने के लिए हवाई जहाज का इस्तेमाल किया, लेकिन इसे बारूद से ही उड़ा दिया। उसे उड़ाने के लिए आतंकियों ने पता नहीं कितनी तैयारी की थी, लोगों को प्रशिक्षित किया था, स्लीपर सेल बनाए थे ताकि जान-माल का ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो। तैयारी तो इसे उड़ाने के लिए भी खूब की गयी थी लेकिन इसलिए ताकि किसी और का कोई नुकसान न हो। यह फर्क था।
लेकिन वह ट्विन टॉवर गिरा और यह ट्विन टॉवर गिरा, सिर्फ इसीलिए हम अमेरिका नहीं हो जाएंगे। अलबत्ता नोएडा से लेकर गुरुग्राम तक न जाने ऐसी कितनी बिल्डिंगें, ऐसे कितने ही टॉवर आपको मिल जाएंगे जो कम से कम नाम से तो अवश्य ही अमेरिका होने का अहसास करा देते हैं। बस यह तो जब बरसात का पानी गुरुग्राम में भर जाता है, तभी पता चलता है कि हम हिंदुस्तान में ही रह रहे हैं। वरना बिल्डर तो उस दृश्य को भी वेनिस का दृश्य बताकर बेच सकते हैं। बिल्डरों ने गुरुग्राम के सारे जोहड़ों, तालाबों और बरसाती नालों पर टॉवर खड़े कर दिए। वैसे ही जैसे ट्विन टॉवर के बिल्डरों ने ग्रीन बेल्ट पर टॉवर खड़े कर दिए थे। वे आपको अमेरिकी माहौल में बसाने का अहसास कराकर खुद अमेरिका भागने के चक्कर में रहते हैं। वे बिल्डिंगों और टॉवरों का अमेरिकी नाम रख कर उन कबूतरबाजों की सी ही हरकत करते हैं जो कबूतरबाज आपको अमेरिका में बसाने का सपना दिखाते हुए करते हैं। वे भी ठगी करते हैं, यह भी ठगी करते हैं। नोएडा मे बिल्डरों की ठगी के न जाने कितने किस्से चलते हैं। न्यायपालिका ने ट्विन टॉवर को गिराने का आदेश देकर भ्रष्टाचार और अहंकार पर एक चोट तो की है। लेकिन जैसे किसी बिल्डिंग का अमेरिकी नाम रखने से गुरुग्राम अमेरिका नहीं बना, वैसे ही ट्विन टॉवर गिरने से भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। ट्विन टॉवर के गिरने के बाद अमेरिकी कार्रवाई से आतंकवाद भी कहां खत्म हुआ?
सहीराम
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