जमीन के बदले नहीं मिली नौकरी तो धरने पर बैठ गए किसान, बोले, अपने ही वादे से पीछे हट रहा रेलवे

रेल प्रशासन ने उखाड़ा तम्बू, तेज धूप से निर्जलीकरण का शिकार हो सकते हैं किसान

 
जबलपुर। रीवा, सिंगरौली और पन्ना के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण किया गया था। रेलवे ने जमीन लेकर उन्हें नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन अब जमीन लेने के बाद रेलवे नौकरी देने में हीलाहवाली कर रहा है। जिससे नाराज होकर किसानों ने पमरे मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने रेल अधिकारियों को चेतावनी दी है अगर समय रहते उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 3 दिन तक प्रदर्शन करने के बाद भूख हड़ताल की जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर किसान पमरे मुख्यालय के सामने नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे।
  • रेल प्रशासन ने उखाड़ दिया तम्बू  
मौके पर मौजूद पीड़ित किसानों ने बताया कि रेल प्रशासन ने उनका तम्बू उखाड़ दिया है और वे चिलचिलाती धूप में धरना दे रहे हैं। पमरे मुख्यालय के सामने पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। जिससे उन्हें पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। तम्बू उखाड़ने से पीड़ित किसान कड़ी धूप से परेशान हैं। ऐसे में किसान निर्जलीकरण का शिकार हो कर बीमार हो सकते हैं। धरने में सैकड़ों कि संख्या में पीड़ित किसान और महिलाएं भी मौजूद रहीं। 
  • मेडिकल परीक्षण कराने के बाद भी नहीं मिली नौकरी 
 ललितपुर से पन्ना, सतना और रीवा, सिंगरौली के बीच रेल लाइन डालने के लिए किसानों से जमीन लेकर बदले में परिवार को एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन पूरे उम्मीदवारों में से सिर्फ 10 फ़ीसदी को ही नौकरी दी गई। इस दौरान शेष उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच से लेकर मेडिकल परीक्षण तक कराया गया लेकिन बाद में उन्हें नौकरी नहीं मिली सैकड़ों की संख्या में मौजूद पीड़ित किसानों ने जीएम से चर्चा करने की मांग रखी लेकिन दूसरे दिन भी जीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई अब तीसरे दिन भी अपनी मांगों को लेकर धरना देंगे।

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