नई दिल्ली | उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधुनिक समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को प्रासंगिक करार देते हुए कहा है कि 'सबका साथ, सबका विकास' का दर्शन गांधीवाद विचार से प्रेरित है।
श्री धनखड़ ने शनिवार को यहां 'हरिजन सेवक संघ' के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का दृष्टिकोण गांधीवादी विचार से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि गांधीवादी आदर्श संविधान के मौलिक अधिकारों और निर्देशक सिद्धांतों में व्याप्त हैं। बापू की शिक्षाएं मानवता के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। उन्होंने कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को पुष्पांजलि अर्पित की।
गांधीजी के हरिजन सेवक संघ के गठन की प्रेरणा को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा,“हमारा स्वतंत्रता संग्राम न केवल एक राजनीतिक आंदोलन था बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान था। उन्होंने कहा, "यह सामाजिक एकता और राजनीतिक स्वतंत्रता का आह्वान था।"
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारतीय संस्कृति के सर्वोत्तम तत्वों - सत्य और अहिंसा को धरातल पर लागू करने का प्रयास किया।
श्री धनखड़ ने कहा, " महात्मा गांधी के सिद्धांतों से मानवता को बहुत लाभ होगा। आज दुनिया के सामने कई खतरे हैं - गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन से लेकर युद्ध तक - गांधी जी के विचार सभी का समाधान प्रदान करते हैं।"
गांधीजी के 'स्वराज' का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की खाद्य सुरक्षा, टीकाकरण, सार्वभौमिक बैंकिंग की सभी योजनाएं गांधीवादी भावना में हैं।
श्री धनखड़ ने कहा कि हाल के वर्षों में एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का उदय हुआ है जो गांधीवादी दर्शन के साथ आम सहमति से सभी की क्षमता और प्रतिभा का पूर्ण दोहन सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि इसके आधार पर सामाजिक लोकतंत्र न हो।
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