दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में ईडी ने 35 ठिकानों पर मारे छापे, फरीदकोट में दीप मल्होत्रा के घर भी दी दस्तक!

फरीदकोट में दीप मल्होत्रा का घर।


नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक कथित मामले में शुकव्रार को एक बार फिर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार इस नीति को अब वापस ले चुकी है। 

सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 स्थानों पर छापेमारी की। जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने शराब मामले में शुक्रवार को फरीदकोट, लुधियाना और चंडीगढ़ में छापेमारी की। शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा ​​के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गयी। उल्लेखनीय है कि दीप की कंपनी ने बोली लगाई थी और वह दिल्ली में कई शराब की दुकानें चला रही थी। 

प्रवर्तन निदेशालय की टीम सुबह पूर्व अकाली विधायक व शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा ​​के फरीदकोट स्थित आवास पर पहुंची। एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में ईडी की टीम सुबह करीब आठ बजे छावनी रोड स्थित उनके घर पहुंची। आमतौर पर मल्होत्रा ​​परिवार द्वारा फरीदकोट की यात्रा के दौरान उनके निवास का उपयोग किया जाता है। 

दीप मल्होत्रा ​​के पिता ओम प्रकाश मल्होत्रा ​​फरीदकोट शहर के रहने वाले थे। पिछले चार दशकों से इस परिवार का क्षेत्र में शराब के कारोबार पर दबदबा है। पता चला है कि दीप मल्होत्रा ​​दो फर्मों में भागीदार थे, जिन्हें दिल्ली में तीन समूहों के लिए शराब की दुकानें संचालित करने का लाइसेंस मिला था।

ईडी इस मामले में अब तक 103 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। मामले में पिछले महीने शराब व्यवसायी एवं शराब बनाने वाली कंपनी ‘इंडोस्पिरिट' के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने धन शोधन का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई की प्राथमिकी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम बतौर आरोपी दर्ज है। दिल्ली के उपराज्यपालय वी के सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था। ईडी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक और तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ की है। 

सीबीआई ने भी कई लोगों से पूछताछ की है और मामले में उद्योगपति विजय नायर को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी। 

अधिकारियों के मुताबिक, मुख्य सचिव की रिपोर्ट में पाया गया था कि निविदा जारी करने के बाद ‘‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ'' पहुंचाने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियात्मक चूक'' की गई। इसमें आरोप लगाया गया था कि राजकोष को नुकसान पहुंचाकर निविदाएं जारी की गईं और इसके बाद शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाया गया।

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