मोरबी पुल हादसा : बचाव कार्य पूरा, मामले में 9 गिरफ्तार, 134 लोगों की मौत



मोरबी। गुजरात पुलिस ने मोरबी में हुए खौफनाक हादसे के सिलसिले में पूछताछ के बाद नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क के साथ दो ठेकेदार और तीन सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। उन पर भारतीय दंड संहिता के तहत गैर इरादतन हत्या और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। 

राजकोट रेंज के आईजी अशोक कुमार यादव ने सोमवार शाम एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "आज जांच का दूसरा दिन है और जैसे ही हमें और जानकारी मिलेगी और नाम का खुलासा होगा, कार्रवाई की जाएगी।" 

खौफनाक हादसे में कुल 134 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। साथ ही बचाव दलों के द्वारा बचाव कार्य भी पूरा कर लिया गया है। 

यह पुल ब्रिटिश काल में बना था, जो रविवार की शाम को टूट गया। कुछ दिन पहले ही जनता के लिए फिर से खोले गए पुल को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। एक निजी फर्म द्वारा किए गए मरम्मत कार्य के लिए इसे सात महीने के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि नगर पालिका ने अभी तक 'फिटनेस सर्टिफिकेट' जारी नहीं किया था।

पुल अजंता ओरेवा कंपनी को संचालन और रखरखाव के लिए 15 साल के लिए दिया गया था। मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और कंपनी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2037 तक वैध है। लापरवाही की वजह से यह बड़ा हादसा हुआ। दरअसल, झूला पुल पर लगभग 400-500 लोग एक साथ थे, जो पुल की क्षमता से कई गुना थी। हादसे से पहले केवल 20 से 25 लोग पुल पर एक साथ जाते थे।

एनडीआरएफ की पांच टीमें, एसडीआरएफ की छह प्लाटून, वायु सेना की एक टीम, थल सेना की दो टुकड़ियां और भारतीय नौसेना की दो टीमों को स्थानीय बचाव दल के साथ खोज और बचाव के लिए तुरंत सक्रिय कर दिया गया जो रात भर जारी रहा, अब बचाव के लिए चलाया गया ऑपरेशन समाप्त हो गया है।

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