जेपी का नाम लेकर वो लोग हमला कर रहे हैं, जिनका आजादी की लड़ाई से कोई मतलब नहीं था : नीतीश कुमार



पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी की जयंती पर उनके पैतृक गांव सिताब दियारा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किये गये जुबानी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जेपी का नाम लेकर वो लोग हम पर हमला कर रहे हैं, जिन्हें न देश में मतलब है और न देश की एकता से। नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग हम पर उंगली उठा रहे हैं पहले उन्हें देश को बताना चाहिए कि उन लोगों ने क्या किया है।

नीतीश कुमार ने अमित शाह के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "जिन लोगों का आजादी की लड़ाई से कुछ मतलब नहीं है। वह आज जेपी के नेतृत्व में हुए आंदोलन पर बोल रहे हैं। आज-कल, जो लोग बोल रहे हैं उनकी आंदोलन में क्या भूमिका थी।"

नीतीश कुमार ने कहा कि जिस पार्टी का न तो जन आंदोलन से कोई सरोकार है और न ही देश की एकत-अखंडता से। उसके लोग हमें जेपी के विचारों का पाठ पढ़ा रहे हैं। जेपी का नाम भी यह लोग केवल अपने फायदे के लिए ले रहे हैं।

मालूम हो कि अमित शाह जेपी जयंती पर उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में आयोजित एक समारोह में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। अमित शाह ने विशेषतौर पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए इन्होंने जेपी के विचारों की बलि दे दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्तालोलुप हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार ने केवल सत्ता में बने रहने के लिए जेपी के सिद्धांतों की तिलांजली दे रहे हैं। सत्ता के लिए पाला बदलने वाले ये लोग आज कुर्सी पर बैठे हैं। ये जेपी को भूल गये हैं। सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गये हैं। उन्होंने कहा कि पांच-पांच बार सत्ता का पाला बदलने वाले लोग आज बिहार के मुख्‍यमंत्री बनकर बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को फैसला करना है कि वो सूबे की सत्ता जेपी के सिद्धांत विरोधी को देंगे या फिर जेपी के सिद्धांतों को मानने वालों को। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर को बिजली, बेघर को घर देना, शौचालय देना, भोजन देना और राशन देने का काम किया है। जेपी की संपूर्ण क्रांति का यही मकसद था। अमित शाह ने कहा कि 1974 में जयप्रकाश नारायण ने बिहार में आंदोलन शुरू किया था, वह राजनीतिक आंदोलन था। सारे विचारधारा के छात्र जेपी की अगुवाई में इकट्ठा हुए थे।

उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जी यहां बैठे हैं, सुशील मोदी भी उसी आंदोलन की उपज हैं। उसी आंदोलन के कई ऐसे भी लोग निकले, जो जीवन भर जेपीजी और लोहिया जी का नाम लेते रहे और आज सत्ता के लिए कांग्रेस की गोद में बैठे हैं।

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