नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर' को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।
मोदी ने कहा, ‘‘आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है। सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं, हालांकि वह देश की एकता एवं अखंडता से समान रूप से संबद्ध है। दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य ‘विजन 2047' और ‘पंच प्रण' पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका एलान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था।
प्रधानमंत्री ने पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार रखते हुए कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए बल्कि इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने तथा मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा।
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