संयुक्त राष्ट्र में पहली बार महात्मा गांधी का विशेष आदमकद होलोग्राम पेश



संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में पहली बार महात्मा गांधी का विशेष आदमकद होलोग्राम पेश किया गया और विश्व संगठन में शिक्षा पर उनका संदेश साझा किया गया। संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया गया। इस मौके पर यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन और यूनेस्को महात्मा गांधी शांति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान (एमजीआईईपी) द्वारा शुक्रवार को आयोजित चर्चा के दौरान महात्मा गांधी का विशेष आदमकद होलोग्राम पेश किया। 

2 अक्टूबर को गांधी की जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद ‘‘शिक्षा एवं जन जागरूकता के जरिए अहिंसा के संदेश को फैलाना है।'' 

संयुक्त राष्ट्र में हुई चर्चा में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, द किंग सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्निस किंग और डिजिटल शिक्षा परिवर्तन की चैम्पियन इंडोनेशिया की राजकुमारी हायु ने भाग लिया। एक बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में पहली बार महात्मा गांधी का आदमकद होलोग्राम पेश किया गया। इसके साथ एक मौखिक संदेश में शिक्षा पर उनके विचार साझा किए गए। 

शिक्षा के बारे में महात्मा गांधी ने कहा था, ‘‘साक्षरता शिक्षा का अंत या यहां तक कि शुरुआत भी नहीं है। शिक्षा से मेरा तात्पर्य बच्चे और किसी व्यक्ति, शरीर, मन और आत्मा में उत्कृष्टता का सर्वांगीण संचार करना है। आध्यात्मिक प्रशिक्षण से मेरा तात्पर्य मन की शिक्षा से है।'

Post a Comment

और नया पुराने