रीमा की राशन दुकान में बँटता है परेशानी का राशन, ग्रामीण उपभोक्ताओं ने बताई कई खामियां



बरगी नगर l
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू हुए भले ही लगभग 8 साल बीत चुके हैं पर जमीनी स्थिति में आज भी राशन व्यवस्था में कई खामियां दिखाई देती हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को कुछ इस मकसद से बनाया गया था कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब तथा अति गरीब अंत्योदय योजना से लाभान्वित होने वाले ग्रामीणों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भरपूर फायदा मिल सके, पर विडंबना इस बात की है कि सारे नियम कायदों को धता बताते हुए आज भी संबंधित राशन डीलर मेरी मर्जी की तर्ज पर चल रहे हैं। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर आज भी बदली नहीं है। ऐसा ही एक मामला प्राथमिक कृषि साख सहकारी सेवा समिति (शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्राम रीमा) पंजीयन क्रमांक 1423 के अंतर्गत ग्राम पंचायत रीवा में संचालित राशन दुकान का प्रकाश में आया है। 
  • महीने के आखिरी में खोली जाती है राशन दुकान
रीमा पंचायत के दुर्गम स्थान पर बसे ग्राम मोठार के ग्रामीणों शंकरलाल वरकडे, मूल सिंह वरकड़े और दयाराम कुडोपा ने बताया कि रीमा गांव की राशन दुकान महीने के आखरी में 25 तारीख बीतने के बाद जानबूझकर खोली जाती है, कौन से खाद्यान्न के लिए क्या मूल्य तय किया गया है। यह भी ग्रामीणों को पता नहीं चल पाता। दुकान के बाहर मूल्य सूची नहीं लगाई गई है। कौन सी वस्तु आ रही है, कौन सी नहीं है, किस वस्तु का क्या शासकीय मूल्य है, यह पता नहीं चल पाता ? 
  • मुनादी नहीं कराई जाती
ग्रामीणों का कहना है कि राशन दुकान खोले जाने के पूर्व ग्राम में विधिवत मुनादी नहीं कराई जाती।  जिससे हर माह कुछ लोग राशन से वंचित रह जाते हैं ग्रामीण बताते हैं कि अगले माह जाने पर उन्हें पूरा राशन नहीं दिया जाता। ग्राम की अनीता बाई, धनिया बाई, शांति बाई और सुकरती बाई का आरोप है कि डीलर द्वारा राशन देने में 5 से10 रुपये भी ज्यादा हितग्राही से लिए जा रहे हैं। 
  • नमक का पैकेट भी नहीं दिया जाता
ग्राम की इमरती बाई का कहना है कि 2 महीने के राशन में एक माह का ही नमक दिया जा रहा है। रीमा ग्राम की जबीना बेगम का कहना है कि उनके पति पिछले 5 सालों से विकलांगता से जूझ रहे हैं। उन्हें विकलांग कोटे से राशन मिलता है। उन्हें पिछले माह अगस्त का राशन नहीं दिया गया, नमक का पैकेट कभी नहीं दिया जाता। अगर गलती से उनके परिवार से कोई एक माह का राशन लेने नहीं पहुंच पाता तो डीलर अगले माह पिछला बकाया राशन नहीं देता। 

  • मुखिया का फिंगरप्रिंट न मिले तो परिवार के अन्य दूसरे सदस्यों को राशन नहीं दिया जाता
जबीना के पति इम्तियाज खान का आरोप है कि डीलर द्वारा राशन की कालाबाजारी की जा रही है। जैसे किसी परिवार के मुखिया का फिंगरप्रिंट राशन की मशीन पर नहीं आता तो परिवार के अन्य दूसरे सदस्यों को राशन नहीं दिया जाता है। डीलर द्वारा परिवार के मुखिया को ही राशन दिए जाने की बात कह कर भगा दिया जाता है और भटकाया जाता है जबकि नियमानुसार परिवार का कोई भी सदस्य जाकर अपना राशन प्राप्त कर सकता है। इम्तियाज का कहना है कि फिंगरप्रिंट नहीं मिलने पर पर्ची से राशन दिए जाने की भी पात्रता है पर डीलर अक्सर टालमटोल कर के लोगों को भगा देता है।

इनका कहना है 
मेरे हिसाब से तो कोई समस्या नहीं है पर, जिन लोगों को भी शिकायत है। उन लोगों की समस्या का निराकरण इस बार दुकान खोलने पर कर दिया जाएगा। 
प्रियम जारोलिया, सेल्समैन

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