मध्य प्रदेश : मुरैना के किसान मेले में हरियाणा के 10 करोड़ के भैंसे का जलवा




मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में 3 दिवसीय किसान मेले में सबसे ज्यादा चर्चा एक भैंसे की हो रही है। जिसकी कीमत लाख-दो लाख नहीं, पूरे 10 करोड़ है। दूर-दूर से लोग इसको देखने के लिए आ रहे हैं। कोई इसके साथ सेल्फी ले रहा है तो कोई इसका वीडियो बनाकर शेयर कर रहा है। 
  • 10 करोड़ से ज्यादा कीमत... सुरक्षा में तैनात 12 बंदूकधारी
दरअसल, इस अनोखा भैंसे का नाम गोली-2 हा जो हरियाणा से आया हुआ है, जिसे किसान नवीन सिंह मेले में लेकर आए हुए हैं। जो कोई भी इस मजबूत कद काठी के भैंसे को देखता है तो देखते ही रह जाता है। भैंसे की सुरक्षा में 12 लोग तैनात रहते हैं। ये सभी बंदूकधारी हैं। इस भैंसे की डिमांड इतनी है कि लोग इसे 10 करोड़ से ज्यादा कीमत देने को तैयार हैं। लेकिन किसान नवीन सिंह इसे बेचना नहीं चाहते। वह बस देशभर में लगने वाले पशु मेले में इसे लेकर जाते हैं।
  • भैंसे के खाने पर खर्च होते तीन लाख रुपए
गोलू-2 नाम के इस भैंसा देखने में जितता हट्टा-कट्टा है, उतनी ही ज्यादा तगड़ी इसकी डाइट है। हर दिन इसकी डाइट पर 10 हजार रुपए खर्च होते हैं। अगर हम बात महीने की करें तो सिर्फ 3 लाख रुपए तो इसकी डाइट पर ही खर्च होते हैं। इसे घास-भूसे की जगह 20 लीटर दूध, देसी घी, सरसों का तेल और मौसमी फल खिलाए जाते हैं। इतना ही नहीं रोजाना इसे इंसान की तरह रात में हाजमे के लिए दवाई भी दी जाती है। साथ ही सप्ताह में एक बार तो इसका रूटीन चैकअप होता है। रोजाना इसको साबुन और शैम्पू से स्पेशल पूल में नहाया जाता है।
  • हर महीने 12 लाख रुपए कमाकर देता है ये भैंसा
5.6 फीट उंचाई और14 फीट लंबे इस शानदार भैंसे के सीमन की डिमांड पूरे देशभर में है। करीब 12 लाख रुपए की कमाई इसके सीमन से होती है। इसके मालिक किसान नवीन सिंह का कहना है कि हमारा गोलू-2 भैंसा सालभर में एक सवा करोड़ रुपए की कमाकर देता है। क्योंकि गोलू-2 से पैदा हुई संतानें 15 से 20 लीटर दूध देती हैं। बाद में यह बढ़कर तीस लीटर तक हो जाता है। डेयरी वाला हर किसान चाहत है कि उनकी भैंस जो पैदावार करे वो गोलू-3 से करे। जिसके चलते  मार्केट में इसके सीमन की बहुत डिमांड है। इसकी प्रति यूनिट 300 रुपए में बिकती है। 
  • भैंसे की तीन पीढ़ियां, इसी किसान के पास
नवीन ने बताया कि गोलू-2 के दादा का नाम गोलू-1 था, जिससे मैंने लाखों की कमाई की, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। फिर उसके ही सीमन से मैंने गोलू-1 तैयार किया। इसके बाद इसे  हरियाणा सरकार को नस्ल सुधार के लिए दे दिया था। बाद में उसके सीमन से गोलू-2 तैयार किया जो आपके सामने है। हर कोई इसे खरीदना चाहता है, मेरी मुंह मांगी कीमत भी देने को तैयार है, लेकिन मैं बेचना नहीं चाहता हूं। बस जहां कहीं पशु मेला लगता है उसे लेकर जाता हूं।
  • पद्मश्री सम्मान से सम्मानित
किसान नवीन सिंह का कहना कि इस भैंसे का पूरी दुनिया के अंदर कोई मुकाबला नहीं है। किसान भाइयों से अपील करना चाहूंगा कि अच्छे सीमेन का प्रयोग करके अच्छे पशु तैयार करें क्योंकि आज की महंगाई में वैसे भी पशु पालने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के पशुओं को पालने की वजह से उनको पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। मैं देशभर के पशु मेले में इस भैंसे को इसलिए लेकर जाता हूं ताकि उस इलाके के किसान भाई इस भैंसे को देखकर जागरूक हों और ऐसी ही नस्ल के पशु पाल सकें। 

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