लखनऊ। रामपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने नफरत भरा भाषण देने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी/एमएलए अदालत से मिली तीन साल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 15 नवंबर को तय की गई सुनवाई 10 नवंबर को करने को कहा गया था। साथ ही उसी दिन फैसला सुनाने के निर्देश भी मिले थे।
सपा नेता आजम खान को 27 अक्टूबर को रामपुर में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अभद्र भाषा देने के आरोप में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत से तीन साल की सजा मिलने के बाद अगले दिन 28 अक्टूबर को उनकी विधानसभा को रद्द कर दिया गया और रामपुर विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया गया।
इसके बाद चुनाव आयोग ने 5 नवंबर को रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की घोषणा की थी। उपचुनाव के लिए गजट नोटिफिकेशन 10 नवंबर को जारी होना था। उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र भी दाखिल करना था। 10 नवंबर से शुरू होगा। इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
उन्होंने सरकार की मंशा और चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई। आजम खान ने बुधवार को ही सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी।
एक टिप्पणी भेजें