गुजरात में बागी बने भाजपा के लिए चुनौती, डेमेज कंट्रोल में लगे बड़े नेता



नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में जुटी भाजपा के लिए उसके बागी चुनौती बन गए हैं। पार्टी ने डेमेज कंट्रोल के लिए कई बड़े नेताओं को काम पर लगा दिया है, नेताओं को इन बागियों को संभालने की जिम्मेदारी देने के साथ ही मतदाताओं को भाजपा के साथ बने रहने के लिए मनाने में लगा दिया है। गुजरात में भाजपा के 19 बागी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से कई पूर्व विधायक भी हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा बागियों से परेशान रही। यहां पार्टी ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा बागियों को बाहर कर दिया था। गुजरात में बागी हुए 19 नेताओं में से ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन तीन कांग्रेस और एक आम आदमी पार्टी के टिकट पर भी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस के टिकट पर जो भाजपा के बागी चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें शेहरा विधानसभा सीट से खाटूभाई पागी, धनगाधरा सीट से छतरसिंह गुंजारिया और सावली विधानसभा सीट से कुलदीप सिंह राजुलजी हैं। राजुलजी बड़ौदा डेयरी के निदेशक और दुग्ध यूनियन नेता रहे और तीन बार सावली से विधायक रहे। भाजपा से आम आदमी पार्टी जाने वाले नेता केतन पटेल हैं, जो एक आदिवासी समुदाय के नेता हैं। वे वलसाड जिले की पारदी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
वडोदरा की पैडरा विस सीट पर भाजपा के बागी दिनेश पटेल उर्फ दीनू मामा, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वे दो बार के विधायक हैं और इस विधानसभा सीट पर अच्छी पकड़ रखते हैं। पैडरा सीट भाजपा का गढ़ माना जाता है, जो 1985 से लेकर 2017 तक उसके कब्जे में रही। लेकिन, 2017 में कांग्रेस के जसपाल सिंह ठाकोर ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। पटेल की सियासी पारी 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शुरू हुई थी। 2012 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। पटेल का इस सीट पर अच्छा होल्ड माना जाता है, जो भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा रहा है। राजनेता, अभिनेता और निर्माता मधु श्रीवास्तव भी भाजपा के बागियों की सूची में शामिल हैं। वे भी वगोडिया सीट पर इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 
दो बार के विधायक और भाजपा वनवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे हर्षद वसावा भी इस बार नर्मदा जिले की नांदोड़ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। महीसागर जिले की लुनावाडा सीट पर भाजपा से निलंबित एसएम कांत और जेपी पटेल भाजपा के मौजूदा विधायक जिग्नेश सेवक के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा ने आणंद में बागी कार्यकर्ता रमेश झाला और अमर सिंह झाला को निलंबित किया है। वहीं, उत्तरी गुजरात में भाजपा से बगावत कर धवल सिंह झाला (अरावली जिले की बयाड़ सीट), राम सिंह ठाकोर (मेहसाणा जिले की खेरालू सीट), मावजी देसाई (बनासकांठा जिले की धनेरा सीट) और लेबाजी ठाकोर (बनासकांठा जिले की दीसा सीट) भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। धवल सिंह को भाजपा उम्मीदवार अल्पेश ठाकोर का करीबी माना जाता रहा है। इनके अलावा सौराष्ट्र इलाके में केशोद, राजकोट ग्रामीण, वेरावल और राजुला सीट पर भाजपा के बागी नेता अरविंद लदानी, भरत चावड़ा, उदय शाह और करन बरैया चुनाव लड़ रहे हैं।

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