अरुण गोयल की नियुक्ति को जल्दबाजी में दी गई मंजूरी : सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति के लिए अपनायी प्रक्रिया पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया और कहा कि उनकी फाइल को ‘जल्दबाजी' में मंजूरी दी गयी। शीर्ष अदालत ने कहा कि गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को ‘बहुत तेजी से' क्लियर किया गया।

वहीं, केंद्र ने अटॉर्नी जनरल के जरिए अदालत से ‘थोड़ा रुकने' के लिए कहा तथा मामले पर विस्तारपूर्वक गौर करने का अनुरोध किया। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, ‘यह किस तरह का मूल्यांकन है? हम अरुण गोयल की योग्यता पर नहीं, बल्कि प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।'

केंद्र ने उच्च न्यायालय के बुधवार को दिए निर्देश के अनुसार पीठ के समक्ष चुनाव आयुक्त के तौर पर गोयल की नियुक्ति की मूल फाइल पेश की। पीठ ने कहा कि 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोयल ने एक ही दिन में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, एक ही दिन में कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल क्लियर कर दी, चार नामों की सूची प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की गयी तथा गोयल के नाम को 24 घंटे के भीतर राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गयी। पीठ चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था बनाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

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