ऑनलाइन सूची में दिख रहे हैं 17 में से 14 गांव, रिकॉर्ड में दिख रहे अस्तित्वहीन गांव
बरगी नगर। बरगी बांध निर्माण के बाद बरगी बांध से विस्थापित तथा प्रभावित हुए आसपास के सैकड़ों गांव के ग्रामीण अपनी व्यवस्था के हिसाब से यहां वहां अलग-अलग ग्राम पंचायतों में अपना आशियाना बना कर रह जरूर रहे थे पर आज भी बरगी बांध से विस्थापित हुए कई गांव ऐसे हैं जो राजस्व रिकॉर्ड से ही बाहर कर दिए गए थे। बरगी बांध से विस्थापित होने के बाद ग्रामीणों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा और कई संगठनों के माध्यम से अपनी लड़ाई लड़ते रहे और शासन से यह मांग करते रहे कि उन्हें राजस्व गांव में शामिल किया जाए और वह सब सुविधाएं दी जाएं जो राजस्व गांव के ग्रामीणों को मिलती हैं। आखिरकार हुआ भी कुछ ऐसा ही कि सरकार ने अभी हाल ही में बरगी बांध के आसपास के दर्जनभर से अधिक गांव को राजस्व रिकॉर्ड सूची में शामिल कर लिया है।
- गांव दिख रहा, पंचायत गायब ...?
जन अधिकार सेवा संघ के अध्यक्ष पुनाराम पाठक ने बताया कि बरगी बांध से अर्जित 16 राजस्व ग्रामों एवं एक वन ग्राम को प्रचलित हल्का बंदी में शामिल करने के फलस्वरूप निम्नानुसार वृद्धि की गई। जिसमें सूची अनुसार 17 गांव के नाम शामिल हैं पर विभागीय स्तर पर कुछ कमी के कारण 14 गांव ही अभी ऑनलाइन सूची में दिख रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 14 ग्रामों में ग्राम हरदुली, बरघाट, भोंगा, घुघरी, किसलई, तुनिया, गागंदा, बिंझा, मगरधा, बढईयाखेड़ा, बिजोरा, सिघई, कठौतिया, खम्हरिया, मिडकी, और वन ग्राम खामखेड़ा।
राजस्व ग्राम सूची में गांव के नाम से दिख रहे हैं पर ग्राम पंचायतों के नाम ऑनलाइन नहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिन गांवों का अस्तित्व खत्म हो गया है जो रिकॉर्ड में वीरान है, वह गांव भी राजस्व सूची में शामिल किए गए हैं। जिसमें किसलई और सिंघई गांव हैं जो यह पूरी तरह से वीरान है और डूब चुके हैं। यह गांव भी 17 गांव की सूची में शामिल हैं, जिन्हें हटा दिया जाना चाहिए l
- गांव की सूची बनी पर, ऑनलाइन अपडेट नहीं हुई
पुनाराम पाठक का कहना है कि अभी सिर्फ राजस्व रिकॉर्ड के ग्रामों की सूची में गांव के नाम बस दिख रहे हैं। पंचायत का नाम नहीं दिख रहा है और ना ही नक्शा, खसरा और रकबा दिखाई दे रहा है। जब तक यह अपडेट नहीं होती तब तक इसे अधूरा ही माना जाएगा।
- 17 ग्राम में 3 ग्राम पंचायत आती हैं
जानकारी के मुताबिक इन 3 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत यह सभी गांव आते हैं |जिसमें ग्राम पंचायत हरदुली का पटवारी हल्का नंबर 101 ग्राम पंचायत तूनिया का 102 तथा ग्राम पंचायत मगरधा का 103 पटवारी हल्का नंबर भू अभिलेख शाखा जबलपुर के संशोधित आदेश सूची में दर्शाया गया है पर ऑनलाइन नहीं दिख रहा है|
इनका कहना है
जल्द से जल्द ग्रामीणों को राजस्व ग्राम की समस्त सुविधाएं मिलने लगेगी जो भी चीजें छूट गई हैं वे सभी जल्द से जल्द दुरुस्त की जा रही हैं l
पी के सेनगुप्ता, एसडीएम जबलपुर
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