पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ बलात्कार केस में आरोप तय करने का आदेश


फाइल फोटो


नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ बलात्कार के मामले की जांच करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन कर्मियों के खिलाफ एक विशेष अदालत ने आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। सेंगर के खिलाफ 2017 के इस मामले में ये पुलिसकर्मी नाबालिग पीड़ित के आरोप रिकॉर्ड करने में नाकाम रहे थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 
अदालत ने उन्नाव में सफीपुर के तत्कालीन क्षेत्र अधिकारी कुंवर बहादुर सिंह की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर मामले से आरोपमुक्त करने के अनुरोध वाली उनकी याचिका को हाल में खारिज कर दिया था। 
उन्होंने कहा कि पीड़ित की शिकायत कि सेंगर ने चार जून, 2017 को उसका बलात्कार किया था, को दर्ज नहीं करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 166ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय तक को भेजी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के बाद पीड़ित ने लखनऊ में आठ अप्रैल, 2018 को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया था जो बाद में राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया था। 
उन्होंने बताया कि सिंह के अलावा अदालत ने माखी के पूर्व थाना प्रभारी डी. पी. शुक्ला और उप-निरीक्षक दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी आरोप तय करने के आदेश दिए। इनके नाम भी आरोप पत्र में शामिल हैं।

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