सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन, 97 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश

आप ने कहा-एलजी के पास ऐसे आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं


नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं, आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के पास ऐसे आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है। कानून की नजर में इसका कोई महत्व नहीं है। पार्टी ने कहा कि हर राज्य सरकार दूसरे राज्यों में विज्ञापन जारी करती है, केवल हमें क्यों निशाना बनाया? भाजपा दिल्ली के लोगों को परेशान करने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने 2016 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित सरकारी विज्ञापनों में सामग्री के नियमन से संबंधित समिति (सीसीआरजीए) के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए बताया कि ऐसे विज्ञापनों पर 97.14 करोड़ रुपये (97,14,69,137 रुपये) खर्च किए गए जो नियम के अनुरूप नहीं थे। 
एक सूत्र ने कहा, ‘डीआईपी ने इसके लिए 42.26 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान पहले ही कर दिया है और प्रकाशित विज्ञापनों के लिए 54.87 करोड़ रुपये अभी और दिए जाने हैं।' 
उन्होंने बताया कि निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए डीआईपी ने 2017 में ‘आप' को निर्देश दिया था कि वह सरकारी कोष को तत्काल 42.26 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करे और 30 दिन के भीतर संबंधित विज्ञापन एजेंसियों या प्रकाशकों को सीधे 54.87 करोड़ रुपये की लंबित राशि का भुगतान करे।

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