कर्नाटक में भाजपा को झटका, पूर्व मंत्री रेड्डी ने बनाई नई पार्टी



बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाला है। भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी ने विधानसभा चुनाव से चार महीने पहले "कल्याण राज्य प्रगति पक्ष" नाम की नई पार्टी की घोषणा की। 
इसके साथ ही, अवैध खनन मामले में आरोपी नेता ने भारतीय जनता पार्टी से अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ लिया। बल्लारी जिले के बाहर से कर्नाटक की चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करते हुए उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस कदम का बल्लारी क्षेत्र में भाजपा पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। पार्टी ने भी घटनाक्रम पर सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह जब सोमवार को नयी दिल्ली जाएंगे तो इस मुद्दे पर नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे।
रेड्डी ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है, राज्य और यहां के लोगों ने माना कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा झूठी निकली। आज मैं ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ की घोषणा कर रहा हूं। जो मेरी अपनी सोच के साथ, बासवन्ना (12वीं शताब्दी के समाज सुधारक) की सोच के साथ, धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ है।’’
उन्होंने पत्रकारों से यहां कहा कि आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे। रेड्डी ने कहा, ‘‘मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नयी पहल में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी।
इसलिए कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के साथ लोगों के बीच जाकर मैं उनका आशीर्वाद पाने को लेकर आश्वस्त हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है।’’ पिछले (2018 के) राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि ‘‘भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है।’’
रेड्डी ने कहा, ‘‘मैंने गंगावती में एक घर बनाया है और वहां मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा।’’ 
करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कई शर्तें लगाई थीं, जिसमें उनके कर्नाटक के बल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर तथा कडप्पा में जाने पर रोक शामिल है।

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