अब नाक से भी ले सकेंगे कोरोना टीके का बूस्टर डोज, ‘इंट्रानेज़ल कोविड' वैक्सीन को मंजूरी


नई दिल्ली। ‘भारत बायोटेक' के ‘इंट्रानेज़ल कोविड' टीके को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ‘बूस्टर' खुराक के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस टीके में किसी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं होगा और इसे नाक से दिया जाएगा। यह निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगा। इसे एहतियाती खुराक के रूप में उन वयस्कों को दिया जा सकता है जो कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक लगवा चुके हैं।
चीन और कुछ अन्य देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस टीके को मंजूरी मिली है। इस ‘बीबीवी154' टीके का 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ‘बूस्टर' खुराक के तौर पर इस्तेमाल करने के वास्ते भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने नवंबर में मंजूरी दे दी थी। 
  • भारत के अनुसंधान विकास के क्षेत्र में एक और उदाहरण
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, ‘इंट्रानेजल टीका भारत के अनुसंधान एवं विकास कौशल का टीका विकास के क्षेत्र में एक और उदाहरण है। इसे लगाना और श्वसन वाहिका में इससे प्रतिरक्षा अवरोध निर्माण करना आसान है, जिसके माध्यम से वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं।' हैदराबाद स्थित टीका निर्माता कंपनी ने एक बयान में कहा था कि इन्कोवैक ‘एडेनोवायरस वेक्टरेड' टीका है जिसके तीन चरण में परीक्षण किए गए, जिसके सफल परिणाम रहे। टीके को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से उत्पाद विकास और नैदानिक ​​परीक्षणों को भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया।

केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश

त्योहारी मौसम से पहले केंद्र ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड से बचाव संबंधी उपायों को लेकर दिशा निर्देश जारी किए। ये दिशा-निर्देश निम्नवत हैं-

  • भीड़भाड़ से बचने के उपाय करें। भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें। बंद जगहों पर इकट्ठा होने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
  • कोविड-19 के संक्रमित नमूनों के बीच पूरे जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने के लिये बढ़ी संख्या में नमूने भेजें।
  • सभी जिलों में पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें। आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की अनुशंसित हिस्सेदारी को बनाए रखें। मामले बढ़ने पर कोविड-19 के नैदानिक ​​प्रबंधन में तैयार रहें। अस्पतालों में मॉक ड्रिल करें।

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