तीन साल से नहीं हो रहीं नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्रों की परीक्षाएं

म.प्र. छात्र संघ ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन


जबलपुर। म.प्र. छात्र संघ के अध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय के नेतृत्व में कुलपति मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर को छात्रों की विभिन्न मूलभूत मांगों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रमुखतः बीएएमएस की सत्र 2019 से आज तक 31 बार समय सारणी में बदलाव हुआ और सत्र 15 माह की देरी से चल रहा है। सत्र में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों का टाइम टेबल भी दो बार निरस्त कर तीसरी बार दो माह बाद परीक्षाएं आयोजित करने टाइम टेबल घोषित किया गया।  तत्काल संशोधित परीक्षा सारिणी घोषित कर 15 दिन बाद परीक्षाएं आयोजित कराने, विश्वविद्यालय स्थापना के पश्चात आज तक एकेडमिक केलेंडर घोषित नहीं किया गया, शीघ्र ही एकेडमिक केलेंडर घोषित किये जाने कि मांग कि गई है। 
  • साठ-गांठ और भ्रष्टाचार की यूनिवर्सिटी, कड़ी कार्रवाई की मांग 
ज्ञापन में नर्सिंग पैरामेडिकल के सत्र 2018-19, 2019-20, 2020-21 की संबद्धता सत्र समाप्त होने के पश्चात वर्ष 2022 में नियम विरूद्ध प्रवेश प्रदान कर निजी महाविद्यालयों के संबद्धता प्रकरण सत्र समाप्त होने के बाद भी साठ-गांठ से करोड़ों खेल करके कार्य-परिषद् में रखकर खुले आम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ऐसे महाविद्यालय जिनका सत्र समाप्त होने के पश्चात सत्र 2022 में पिछले सत्रों की संबद्धता दी गई है। उनकी संबद्धता तत्काल समाप्त करके संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की गई है।  
  • दो-दो साल तक नामांकन नहीं, तीन साल से एक ही कक्षा में पढ़ रहे छात्र 

यूनिवर्सिटी द्वारा नर्सिंग पेरामेडिकल महाविद्यालयों में अध्ययनरत् छात्रों का नामांकन करने में अनियमितता की जा रही है। अध्ययनरत् छात्रों का नियमानुसार नामांकन अधिसूचना के अंतिम दिन के पश्चात् प्रारंभ हो जाना चाहिये परन्तु यूनिवर्सिटी द्वारा निजी महाविद्यालयों को लाभ पहुँचाने के लिये दो-दो साल तक नामांकन नहीं किया और कॉलेज संचालकों से यूनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ करके परीक्षा प्रांरभ होने के पहले तक खाली सीटों पर प्रवेश देकर एवं नाम बदलकर नामांकन प्रक्रिया पूर्ण कर जान-बूझकर विलम्ब करके भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित किये जाने, यूनिवर्सिटी द्वारा किसी भी छात्र की परीक्षा निर्धारित समय पर सत्र समाप्ति पर नहीं कराई जा रही हैं अपितु परीक्षा आवेदन में दो से तीन वर्ष का विलम्ब किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण सम्बद्धता और नामांकन की संबंधित सत्र की तिथियां समाप्त हो जाने के बाद भी निजी महाविद्यालयों के सम्बद्धता आवेदन अवैध रूप से प्राप्त करके एवं अवैध प्रवेशित छात्रों के नाम बदलकर नामांकन करने हेतु सम्बद्धता प्रक्रिया को जानबूझकर दो से तीन वर्ष तक विलंबित किया जाना, संबद्धता एवं नामांकन में विलम्ब करके परीक्षा तिथियों को 2 वर्ष बाद घोषित किया जाता है परंतु फिर भी सम्बद्धता एवं नामांकन से और कमाई के लालच में अधिकारियों द्वारा टाइम टेबल बार-बार बदला जाता है। सत्र 2022 में परीक्षा में हुए विलम्ब के दोषी परीक्षा नियंत्रक को तत्काल बर्खास्त किये जाने, विश्वविद्यालय में कापी गीली होने के घटना की जाँच कमेटी गठित होने पर इंटरनल जाँच कर साक्ष्यों को छुपाया एवं नष्ट किया जाता है और ई.सी. को शून्य घोषित कर दिया जाता है। जिसकी जांच कराने एवं नर्सिंग एवं पैरामेडिकल में छात्र विगत तीन वर्षों से एक ही कक्षा में अध्ययनरत् है जबकि उक्त पाठ्यक्रम की अवधि तीन-चार वर्ष की है, जिनकी आज तक परीक्षाएँ आयोजित नहीं की गई हैं, इसमें दोषी अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने हेतु बर्खास्तगी की कार्यवाही कर परीक्षायें तत्काल आयोजित कराई जाने आदि मांगें रखीं।  
छात्र संघ के अध्यक्ष अभिषेक पाण्डे ने कहा कि विवि प्रशासन को 7 दिवस में उपरोक्त समस्याओं के निराकरण की कार्रवाई की जाये, अन्यथा छात्र संघ उग्र आन्दोलन करने बाध्य होगा जिसकी जवाबदारी विवि प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपते समय म.प्र. छात्र संघ के अध्यक्ष अभिषेक पांडे, अमन तिवारी, इशु सिंह, जतिन कनौजिया आकाश खरे, शिवांशु अवस्थी, अनमोल दुबे, ऋतिक असाटी, आर्यन बेटिया, हर्ष लोधी, आनंद रैकवार, अंकित प्यासी, नीलेश गर्ग, आदित्य पांडे, अनिकेत कुशवाहा, धनराज पटेल सहित अनेक छात्र उपस्थित रहे ।

  





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