लालू यादव के राजनीतिक करियर में शरद यादव का बड़ी भूमिका थी : शिवानंद तिवारी



पटना। मध्य प्रदेश में जन्म लेने वाले शरद यादव बिहार की राजनीति में ज्यादा समय तक सक्रिय रहे। यही वजह है कि उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राजद प्रमुख लालू यादव समेत राज्य के अधिकांश नेताओं ने शोक जताया है। लालू प्रसाद यादव काफी भावुक हैं। 

माना जाता है कि लालू यादव के राजनीतिक करियर में शरद यादव का बड़ी भूमिका थी। शरद और लालू के साथ काम करने वाले शिवानंद तिवारी की मानें तो शरद यादव की वजह से ही लालू यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बन पाए थे। शिवानंद तिवारी के मुताबिक शरद यादव 1974 में पहली बार सांसद बने थे, पर 1990 के दशक में शरद यादव की बिहार की राजनीति में इंट्री हुई थी।

1990 में जनता दल को ज्यादा सीट मिलने पर पार्टी के बड़े नेता रामसुंदर दास को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। इस बीच रघुनाथ झा ने भी दावेदारी कर दी और फिर शरद यादव ने लालू प्रसाद यादव का नाम आगे बढाया और उनकी मदद से लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने गए। उसके बाद लालू और लालू परिवार का बिहार की राजनीति में दबदबा कायम है। 

लालू के बाद राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनी। अभी लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं। जबकि बड़े बेटे तेजप्रताप नीतीश सरकार में मंत्री हैं। बड़ी बेटी मीसा भारती राज्यसभा सांसद है। वहीं बिहार और देश की राजनीति में लालू-शरद के दोस्ती के साथ ही उनकी अदावतें की भी खूब चर्चा होती है।1997 में जनता दल के अध्यक्ष पद के लिए दोनो के बीच भिड़ंत हुई थी, जिसके बाद पार्टी का समर्थन शरद यादव को मिला था और लालू प्रसाद यादव ने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बना ली थी। 

वहीं 1999 लोकसभा चुनाव में मधेपुरा से दोनो एक साथ मैदान में उतरे थे और शरद यादव ने लालू प्रसाद यादव को हराकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने थे। बाद में नीतीश कुमार के साथ जनता दल यूनाइडेट में रहे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने। जब शरद को हटाकर नीतीश कुमार खुद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो शरद-नीतीश में भी दूरी बढ़ी। उसके बाद शरद यादव ने एक अलग पार्टी बनाई पर बाद वे उन्होंने अपनी पार्टी को राजद में विलय कर दिया। 

2020 के चुनाव में शरद यादव के बेटी राजद के टिकट से चुनाव लड़ी थी पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। अभी हाल ही में दिल्ली में हुए राजद के राष्ट्रीय अधिवेशन में शरद यादव शामिल हुए थे और लालू एवं तेजस्वी समेत पूरी पार्टी ने उन्हे विशेष सम्मान दिया था। यह वजह है कि शरद यादव के निधन पर लालू प्रसाद यादव मर्माहत दिख रहें हैं। 

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