बौद्धिक संपदा अधिकार : नए दौर की चुनौतियों से भी हमें परिचित होना होगा : आशीष श्रीवास्तव



जबलपुर। मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महिला महाविद्यालय में विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित संगोष्ठी की संरक्षक डॉ. लीला भलावी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग जबलपुर संभाग थी।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रश्मि चौबे के मार्गदर्शन में संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गई। संगोष्ठी संयोजक डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी ने विषय चयन के औचित्य उपयोगिता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में लखनऊ यूनिवर्सिटी के आशीष श्रीवास्तव ने बताया अभिव्यक्ति अहम है। इसके संरक्षण एवम जिम्मेदारी के साथ सृजनशीलता भी जरूरी है। सृजनशीलता की मौलिकता सिर्फ भारतीय मापदंड पर नहीं बल्कि वैश्विक परिदृश्य में भी मौलिक होना चाहिए। नए दौर की चुनौतियों से भी हमें परिचित होना पड़ेगा। विशिष्ट  अतिथि अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग डॉ. लीला भलावी ने मन और बुद्धि में सामंजस्य स्थापित करने की बात की।
  • आईपीआर हेतु जागरूक होना अत्यंत आवश्यक : एसपी गौतम
मुख्य अतिथि एसपी गौतम ने बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर अपने प्रेरक एवं शोध परक व्याख्यान में कहा कि आईपीआर हेतु जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होने अपने प्रभावी व्याख्यान में भारतीय संस्कृति की  सम्पन्नता को बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम अपने विषय में स्थिर होने और उसमें प्रवेश करने की आवश्यकता है। साथ ही अमूर्त सत्ता की ताकत पर भी अपने विचार रखे। 
  • बौद्धिक संपत्ति के लिए शैक्षणिक जागरूकता काफी जरूरी : डॉ. रश्मि चौबे
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रश्मि चौबे ने बौद्धिक संपत्ति की आवश्यकता, स्वरूप का परिचय, देते हुए उसके प्रति सजगता, जागरूकता पैदा करने पर बल दिया। यह भी कहा कि इसके लिए शैक्षणिक जागरूकता काफी जरूरी है। शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को संगोष्ठी के महत्वपूर्ण व्याख्यानो, शोध पत्रों से ज्ञान अर्जित कर जीवन में उतारने के लिए भी प्रेरित किया।

संगोष्ठी में लगभग 26 शोध पत्र पढ़े गए। डॉ. मनोज प्रियदर्शन ने विद्यार्थियों, शोधार्थियों और देश के विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्राध्यापकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया \कार्यक्रम का संचालन डॉ. जे. के. गुजराल प्राध्यापक अर्थशास्त्र, विश्व बैंक प्रभारी द्वारा किया गया।

प्रथम सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राध्यापक डॉ. सुनीता मिश्रा, विषय विशेषज्ञ डॉ. अंकिता बिसेन प्राध्यापक मंडला और डॉ. जे. के. यादव उपस्थित रहे। सत्र का संचालन डॉ. सपना चौहान ने किया। प्रतिवेदक डॉ. रागिनी उपाध्याय रहीं। 

द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. सुनील बाजपेई प्राध्यापक कटनी और चेयरपर्सन डॉ. अजय गुप्ता प्राध्यापक पनागर रहे। विषय विशेषज्ञ डॉ. सागर जायसवाल, अध्यक्ष विधि विभाग केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर और डॉ. नरेंद्र कोष्टी अध्यापक जबलपुर रहे। सत्र संचालन डॉ. नीना उपाध्याय अध्यक्ष हिंदी विभाग द्वारा किया गया। प्रतिवेदक डॉ. वरुण राव सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान द्वारा किया गया। इस सत्र में कई शोध पत्रों का वाचन किया गया।
  • कॉपी राइट, पेटेंट ट्रेडमार्क पर विस्तार से चर्चा 
संगोष्ठी में कॉपी राइट, पेटेंट ट्रेडमार्क और सर्विस मार्क भौगोलिक संकेत, बौद्धिक संपदा अधिकार में कैरियर बनाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किये गए जो न केवल शोधार्थी बल्कि शिक्षाविदों और लेखकों के लिए भी अत्यंत ज्ञानवर्धक और उपयोगी थे।

समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. लीला भलावी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग जबलपुर संभाग, विशिष्ट अतिथि डॉ. एस. के. तिवारी पूर्व अध्यक्ष जनजाति अध्ययन विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और अध्यक्ष डॉ. रश्मि चौबे प्राचार्य शासकीय मानकुँवर बाई महाविद्यालय रहीं।

संगोष्ठी के अंत में संयोजक डॉ. अभिषेक कोष्टा ने आभार प्रदर्शन किया।

Post a Comment

और नया पुराने