केन्द्रीय बजट 2023 के सन्दर्भ में भारत की अर्थव्यवस्था पर परिचर्चा आयोजित
जबलपुर। शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य स्वशासी महिला महाविद्यालय जबलपुर में विश्व बैंक की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता विस्तार गतिविधियों के अंतर्गत आई.क्यू.ए.सी. एवं अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ’केन्द्रीय बजट 2023’ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि योगेन्द्र सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति, विशिष्ट अतिथि अखिलेश जैन, चाटर्ड एकाउन्टेंट, विषय विशेषज्ञ सोमित रायजादा, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय म.प्र. रहे। कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डाॅ. रश्मि चौबे रहीं। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
विषय विशेषज्ञ सोमित रायजादा ने बजट के संवैधानिक प्रावधानों पर यह बतलाया कि वर्ष 2023 का बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए ब्लू प्रिंट का कार्य करेगा। विशिष्ट अतिथि अखिलेश जैन ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए बजट में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए दिये गये प्रावधानों पर जोर दिया। मुख्य अतिथि योगेन्द्र सिंह ठाकुर द्वारा बजट में प्रयोग किये गये सप्तऋषि शब्द के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला।
अध्यक्ष डाॅ. रश्मि चौबे ने बजट के महत्व पर चर्चा करते हुए कि देश का बजट के साथ प्रत्येक व्यक्ति और परिवार का भी बजट होता है। आई.क्यू.एस.सी. प्रभारी प्रोफेसर ब्रह्मानंद त्रिपाठी द्वारा “भारत की अर्थव्यवस्था पर परिचर्चा-केन्द्रीय बजट 2023” की प्रासंगिता एवं उपादेयता के बारे में बताया।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सुनीता सोनी, प्राध्यापक, समाज शास्त्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आयोजन डाॅ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी संयोजक आई.क्यू.ए.सी. और डाॅ. जे.के गुजराल प्रभारी विश्व बैंक परियोजना के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में सम्पन्न हुआ। परिचर्चा में 13 विषयों के स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों ने भाग लिया।
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