नई दिल्ली। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को अडाणी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच हो। अडाणी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?'
लोकसभा और राज्यसभा की बैठक के स्थगित होने के बाद खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?' उन्होंने कहा, ‘लोगों के हित में ध्यान रखते हुए... एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि या तो जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में इसकी जांच हो।'
कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खड़े ने कहा, ‘जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है।' इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई।''
उन्होंने दावा किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।
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