अडाणी समूह मामले पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा

प्रतीकात्मक चित्र


नयी दिल्ली। लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की जिस वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक स्थगित होने के बाद जब अपराह्न दो बजे फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। कई सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। शोर-शराबे के बीच सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। 
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति महोदया (द्रौपदी मुर्मू) ने दोनों सदनों को संबोधित किया है। अभिभाषण पर लाए जाने वाले धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा महत्वपूर्ण होती है। यह उनका (राष्ट्रपति मुर्मू का) पहला अभिभाषण है। इस पर चर्चा करिये। सदन चर्चा के लिए होता है।' जोशी ने कहा, ‘आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि चर्चा आरंभ करिये।' पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने भी विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर सभा की बैठक शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 
इससे पहले, संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत दौरे पर आईं जाम्बिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर नेली मुट्टी और वहां के संसदीय शिष्टमंडल का सदन की ओर से स्वागत किया।जाम्बिया के शिष्टमंडल के सदस्य इस दौरान सदन की विशेष दीर्घा में बैठे थे।

नियम 267 का दिया हवाला

विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा बृहस्पतिवार को नियम 267 के तहत नोटिस दे कर राज्यसभा में सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित करने एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग के चलते हुए हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण के निधन का उल्लेख किया। उनके योगदान की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि शांति भूषण उच्च सदन के पूर्व सदस्य थे। इसके बाद सदस्यों ने उनके सम्मान में कुछ देर मौन रखा। धनखड़ ने इसके बाद सदन को बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुची शिवा सहित कुल नौ सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। उन्होंने पूर्व की अपनी व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस स्वीकार किए जाने की अनिवार्यताओं को पूरा नहीं करता है, लिहाजा उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया। उनके ऐसा कहते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने एलआईसी, एसबीआई आदि की होल्डिंग्स के ओवरएक्सपोजर की रिपोर्ट की गई घटनाओं के आलोक में तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था।

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