मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठक आयोजित
जबलपुर। जबलपुर मंडल को राजभाषा में सर्वाधिक कार्य करने पर वर्ष 2020 के सर्वोत्तम आंकलन के आधार पर भारतीय रेल पर राजभाषा दृष्टि से सर्वोत्तम मंडल के रूप में आचार्य महावीर प्रसाद चल वैजयंती (शील्ड) के लिए चुना गया ।
मंडल रेल प्रबंधक विवेक शील की अध्यक्षता में मंडल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 181 वीं बैठक में उक्त जानकारी राजभाषा अधिकारी पश्चिम मध्य रेल राज रंजन श्रीवास्तव ने दी।
- गुरुकुल पढ़ाए जाते थे 18 अलग अलग विषय : डीआरएम विवेक शील
बैठक के प्रारम्भ में मंडल रेल प्रबंधक विवेक शील ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राजभाषा के महत्व को उदाहरण देकर समझाया कि भारतीय पुरातन सभ्यता अति विकसित थी और उस समय 7,20,000 गुरुकुल तथा लगभग उतने ही बड़े गांव थे। शिक्षा व्यवस्था इतनी सशक्त थी कि संस्कृत साहित्य, हिंदी साहित्य, दर्शन, धर्म, अर्थ, चिकित्सा, गणित, कला, संगीत, इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन, नदी प्रबंधन जैसे 18 अलग अलग विषय पढ़ाए जाते थे। सुनियोजित षड़यंत्र द्वारा हमारे गुरुकुल के स्थान पर मैकाले की शिक्षा पद्धति लागू होने से हिंदी और भारतीय भाषाओं की बहुत क्षति हुई है।
- हिंदी में हों सभी पट्टिकाएं : एडीआरएम दीपक कुमार गुप्ता
इस अवसर पर बैठक में अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी और एडीआरएम दीपक कुमार गुप्ता ने रेलवे में सभी ध्यानाकर्षी बोर्ड, पट्टिकाएं, आदि मूल रूप से हिंदी में ही लगाना सुनिश्चित किये जाने की बात रखी।
बैठक में मुख्यालय के राजभाषा अधिकारी राज रंजन श्रीवास्तव ने कहा कि आप सभी को हार्दिक बधाई कि जबलपुर मंडल को वर्ष 2020 के सर्वोत्तम आंकलन के आधार पर भारतीय रेल पर राजभाषा दृष्टि से सर्वोत्तम मंडल के रूप में आचार्य महावीर प्रसाद चल वैजयंती के लिए चुना गया। उन्होंने यह भी जानकारी देते हुए बताया कि जबलपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अरुण त्रिपाठी को रेलवे बोर्ड के व्यक्तिगत नगद पुरस्कार हेतु चुना गया है।
बैठक में मंडल रेल प्रबंधक विवेक शील, अपर मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक अमितोज बल्लभ, मुख्यालय राजभाषा अधिकारी राज रंजन श्रीवास्तव सहित सभी शाखा अधिकारियों व स्टेशन राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के अध्यक्ष व प्रतिनिधियों, मंडल के राजभाषा अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया।बैठक का संचालन राजभाषा अधिकारी एवं सहायक कार्मिक अधिकारी(कल्याण ) अरविन्द पाण्डेय ने किया।
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