ओंकारेश्वर में मोरबी जैसा हादसा होते-होते बचा, ममलेश्वर झूला पुल के तार टूटे, पुल पर थी भारी भीड़, जा सकती थी कइयों की जान



खंडवा। विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला की तर्ज पर ओंकारेश्वर में बना ममलेश्वर सेतु (झुला पुल) का सपोटिंग तार आज टूट गया। इससे झूले पर तत्काल आवाजाही रोक दी गयी। पुल टूटते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और बड़े अफसरों सहित एनएचडीसी के अधिकारी भी तत्काल मौके के निरीक्षण के लिए पहुंच गए।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग नगरी ओंकारेश्वर में बना एक मात्र झूला पुल का सपोटिंग तार बुधवार को अचानक से टूटकर गिर पड़ा। ये पुल ब्रम्हपुरी को ओंकारेश्वर मंदिर से जोड़ता है। तार टूटते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि इससे पुल पर कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन प्रशासन ने पूरा एहतियात बरतते हुए पुल पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी। बताया जा रहा है सपोटिंग तार टूटने से बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन वक्त रहते इस हादसे को टाल दिया गया। मौके पर जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंच गए।
  • पुल पर आवाजाही रोकी
इस घटना के बाद ब्रम्हपुरी से ओंकारेश्वर जाने वाले यात्रियों को रोक दिया गया, अब श्रद्धालु ब्रम्हेश्वर मंदिर से गौमुख घाट के ऊपर से निकलकर पुराने पुल पर होते हुए ओंकारेश्वर मंदिर पंहुच रहे हैं। जिस वक्त ये घटना घटी उस दौरान पुल पर भीड़ का अत्यधिक दबाव था। बताया जा रहा है कि दो साल पहले पुल का मेंटेनेंस किया गया था।
  • झूला पुल 19 साल पुराना 
सिंहस्थ 2004 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये एनएचडीसी ने 7 करोड़ रुपये की लागत से 235 मीटर लंबे ममलेश्वर सेतु (झूला पुल) का निर्माण किया था। ओंकारेश्वर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और स्नान के लिये पहुंचते हैं। बुधवार सुबह झूला पुल पर अचानक उस समय हड़कंप मच गया, जब ब्रम्हपुरी से शिवपुरी को जोड़ने वाले 19 वर्ष पुराने झूला पुल का सपोटिंग तार अचानक टूट गया। तार टूटने से पुल से गुजर रहे यात्रियों में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना मिलने पर मांधाता नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी सहित एनएचडीसी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल से आने जाने वाले यात्रियों को रोक दिया गया।
  • पुल पर था भारी दबाव
बताया जा रहा है सिहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के कारण महाराष्ट्र की तरफ से भारी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंच रहे हैं। इसलिए झूला पुल पर भी भीड़ का काफी दवाब था। दबाव बढ़ने के कारण पुल का सपोटिंग तार टूट कर गिर गया। फिलहाल, तार के टूटने से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की खबर अभी तक नहीं है। 

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