नई दिल्ली। अडानी ग्रुप ने 20,000 करोड़ रुपये का अपना FPO कैंसिल कर दिया है। अब गौतम अदानी का ग्रुप निवेशकों के लौटाएगा। इसके साथ ही कंपनी ने निवेशकों को भरोसे के लिए शुक्रिया किया है। अमेरिका की शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है।
अडानी के FPO में सरकारी बैंक एसबीआई और सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने भी बड़ा निवेश किया था। इसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही सरकार, आरबीआई और सेबी पर अडानी कंपनी पर लगे आरोपों की जांच का भी दवाब बना हुआ है।
बता दें कि अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को पूर्ण अभिदान मिल गया था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को निर्गम के आखिरी दिन निवेशकों का समर्थन मिला जिनमें कुछ साथी उद्योगपतियों की पारिवारिक कंपनियां एवं गैर-खुदरा निवेशक शामिल हैं।
शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीओ के तहत की गई 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग निवेशकों की तरफ से की गई। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संस्थागत निवेशकों ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं थी।
प्रस्ताविक कीमत कंपनी के शेयर से ज्यादा होने के बावजूद 4.55 करोड़ शेयरों के प्रस्ताव के बदले 5.08 करोड़ शेयरों की मांग की गई। पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरा अभिदान मिला। हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली।
खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 प्रतिशत के लिए बोली लगाई। कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां आईं। उद्योग सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों के परिवार की तरफ से भी शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं।
हालांकि इन निवेशकों के नाम की पुष्टि तात्कालिक तौर पर नहीं हो पाई है। अडाणी समूह की तरफ से भी निवेशकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद इसके शेयरों में भारी बिकवाली हुई है। इससे एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने पर आशंका पैदा हो गई थी।
- तेल अवीव में एआई प्रयोगशाला स्थापित करेगा अडाणी समूह
भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी इजरायल के तेल अवीव में कृत्रिम मेधा (एआई) प्रयोगशाला स्थापित करेंगे। इससे पता चलता है कि 1.2 अरब डॉलर के हाइफा बंदरगाह सौदे के बाद अडाणी समूह इस देश में और ज्यादा निवेश करने की तैयारी कर रहा है। अडाणी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की मौजूदगी में इजरायल स्थित हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण का समझौता किया और निवेश अवसरों के बारे में बात की।
अमेरिका की शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। अडाणी (60) ने कहा कि उनका समूह हाइफा में रियल एस्टेट परियोजना भी विकसित करेगा। अपने संबोधन में अडाणी ने कहा, ‘‘हम तेल अवीव में एक एआई प्रयोगशाला भी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो भारत और अमेरिका में स्थित हमारी नई एआई प्रयोगशालाओं के साथ करीबी सहयोग बनाकर काम करेगी।'' अडाणी समूह ने पिछले छह साल में एल्बिट सिस्टम्स, इजरायल वेपन सिस्टम्स और इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी जैसी कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां की हैं।
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