सूरत/गुजरात। सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, बाद में राहुल गांधी को जमानत मिल गई और उनकी दो साल की सजा पर 30 दिन की रोक लगा दी गई।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा (आईपीसी) 504 के तहत गांधी को दोषी करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है। फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे। वह बृहस्पतिवार सुबह सूरत पहुंचे।
राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?'
राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
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