रिश्वत मामले में भाजपा विधायक मदल विरूपक्षप्पा को अग्रिम जमानत

घर और कार्यालयों की जांच में 8.23 करोड़ रुपये नकद हुए थे बरामद



बेंगलुरु। ‘कर्नाटक सोप्स एंड डिटरजेंट्स लिमिटेड' (केएसडीएल) ठेका घोटाले में मुख्य आरोपी एवं चन्नागिरी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदल विरूपक्षप्पा को उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी। लोकायुक्त पुलिस ने उनके बेटे प्रशांत मदल को अपने पिता की ओर से केएसडीएल कार्यालय में कथित तौर पर 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो मार्च को गिरफ्तार किया था। प्रशांत, बेंगलोर जलापूर्ति एवं सीवेज बोर्ड में मुख्य लेखा (अकाउंट) अधिकारी हैं। जस्टिस के. नटराजन की पीठ ने विधायक की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद उन्हें जमानत दे दी। विरूपक्षप्पा ने अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अदालत ने सशर्त जमानत देते हुए विधायक को आदेश की प्रति मिलने के 48 घंटे के अंदर मामले में जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने विरूपक्षप्पा को जमानत पर रहने के दौरान गवाहों को प्रभावित नहीं करने का भी निर्देश दिया। अर्जी की सुनवाई 17 मार्च के लिए स्थगित कर दी गई। कथित घोटाला केएसडीएल को रसायनों की आपूर्ति से संबद्ध है, जिसके लिए कथित तौर पर 81 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त पुलिस ने मदल परिवार के घर और कार्यालयों में जांच की, जिसमें 8.23 करोड़ रुपये नकद बरामद किये गये।

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