नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कर्ज माफी और पेंशन को लेकर कानून समेत उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो उसे मजबूर होकर एक और आंदोलन करना पड़ेगा। इससे पहले, एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर सोमवार को रामलीला मैदान में आयोजित ‘किसान महापंचायत' में हजारों किसान जुटे। विभिन्न रंगों की पगड़ी पहने नजर आ रहे किसानों ने सरकार से अनुरोध किया कि वह अपने उन ‘लिखित वादों' को पूरा करे, जो दिसंबर 2021 में किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने 2,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को आयोजन स्थल पर तैनात किया।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि एसकेएम के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दोपहर में कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और मांग पत्र सौंपा। उन्होंने यहां रामलीला मैदान में एकत्र हुए किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'कई अनसुलझे मुद्दे हैं और इनके समाधान के लिए और 'आंदोलन' की जरूरत है। हम 30 अप्रैल को दिल्ली में एक और बैठक बुलाएंगे। मैं सभी किसान संघों से अपने-अपने राज्यों में रैलियां निकालने और बैठक के लिए पंचायत करने का अनुरोध करता हूं।'
उन्होंने कहा, 'हम रोजाना आंदोलन नहीं करना चाहते, लेकिन हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। अगर सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो हम एक और आंदोलन शुरू करेंगे, जो कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन से बड़ा होगा।'
पाल ने कहा कि कृषि मंत्री के साथ एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर भी चर्चा की। तोमर ने कहा कि वह किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने के मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगे।
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